दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High Court) ने आम आदमी पार्टी (AAP) की याचिका पर स्टेट डायरेक्टरेट द्वारा पार्टी ऑफिस के आवंटन को रद्द करने के आदेश के खिलाफ नोटिस जारी किया है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने केंद्र सरकार और स्टेट डायरेक्टरेट को इस मामले में विस्तृत हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है. इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में 12 अगस्त को होगी.
आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यालय पर कब्जे के लिए बाजार दरों पर किराए की मांग को चुनौती दी है, यह आरोप लगाते हुए कि आवंटन को रद्द करने की जानकारी उन्हें बिना बताए दी गई. पार्टी के वकील प्रतीक चड्ढा ने अदालत में कहा कि यह एक नई रिट याचिका है और उन्होंने 14 सितंबर, 2024 के दस्तावेज का उल्लेख किया, जिसके अनुसार उनका आवंटन रद्द कर दिया गया, जबकि उन्होंने इसे देखा भी नहीं है.
‘आवंटन रद्द करने का आदेश गलत’
चड्ढा ने बताया कि जनवरी 2025 में उन्हें 14 सितंबर को जारी नोटिस के आधार पर तुरंत कार्यालय खाली करने के लिए कहा गया था. याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि आवंटन रद्द करने का आदेश अनुचित है, क्योंकि याचिकाकर्ता को रद्दीकरण से पहले कोई कारण बताओ नोटिस नहीं दिया गया और न ही सुनवाई का उचित अवसर प्रदान किया गया. इसके अलावा, वे सितंबर 2024 से अधिक किराए पर वसूली पर रोक लगाने की भी मांग कर रहे हैं.
AAP का केंद्र सरकार पर आरोप
AAP ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह उसके साथ अन्य राजनीतिक दलों के समान व्यवहार नहीं कर रही है. इसके जवाब में, केंद्र सरकार ने कहा है कि सेंट्रल दिल्ली में AAP के कार्यालय के लिए कोई खाली जमीन उपलब्ध नहीं है. इस बीच, जस्टिस सचिन दत्ता ने रद्दीकरण आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका और जुर्माना भुगतान पर रोक लगाने की मांग करने वाली अर्जी पर नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को करेगी.
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