दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उसे शराब नीति से संबंधित एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपियों को ‘अविश्वसनीय दस्तावेज’ देने का आदेश दिया गया था. सभी 40 आरोपियों को ED की याचिका और मामले को स्थगित करने की मांग पर जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने नोटिस जारी किया.इस मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह और कई कारोबारी भी आरोपी हैं, जिसकी अगली सुनवाई अगले वर्ष 30 जनवरी को होगी.
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नवंबर में, निचली अदालत ने ईडी को चार्जशीट और अभियोजन पक्ष द्वारा मामले का समर्थन करने के लिए बचे हुए “अविश्वसनीय दस्तावेजों” के डिजिटल रिकॉर्ड देने का आदेश दिया था.
ईडी के वकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने दस्तावेजों की जांच के स्टेज में कहा था कि आरोपियों कोऐसे दस्तावेज देने चाहिए जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज पर केवल ऐसे दस्तावेजों की सूची दी जा सकती है जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट कोबताया गया कि मामले की सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है.
सीबीआई और ईडी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को शराब नीति में संशोधन करते समय कथित तौर पर अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था, लेकिन सितंबर 2022 के अंत तक इसे वापस ले लिया गया, क्योंकि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश करने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया.
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