दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi HighCourt) ने कॉलोनियों में दूषित जल आपूर्ति के मामले में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को कड़ी चेतावनी दी. कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि अधिकारी नागरिकों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे दूषित पानी का सेवन करें. चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने एक याचिका की सुनवाई की, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि पूर्वी दिल्ली के योजना विहार, आनंद विहार, जागृति एंक्लेव और अन्य आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों को उनके घरेलू नलों में अत्यधिक दूषित पेयजल प्राप्त हो रहा है.
बेंच ने यह सवाल उठाया कि क्या जल बोर्ड तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेगा जब तक कि अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया जाता. बेंच ने यह भी कहा कि क्या जल बोर्ड चाहता है कि शहर के लोग दूषित पानी का सेवन करें. बेंच ने 2 जुलाई को दिल्ली जल बोर्ड को संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. जल बोर्ड ने बेंच को सूचित किया कि जांच एजेंसी ने योजना विहार क्षेत्र में जलापूर्ति की पाइपलाइनों की पुरानी स्थिति का पता लगाया है, जिन्हें बदलने की आवश्यकता है. डीजेबी ने अपने सर्वेक्षण के आधार पर एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें याचिकाकर्ता के घर और आसपास के क्षेत्रों में कई घरेलू कनेक्शनों में पुरानी और क्षतिग्रस्त जल आपूर्ति पाइप की समस्या को स्वीकार किया गया है.
डीजेबी ने जानकारी दी है कि पाइपलाइन के परिवर्तन के लिए टेंडर 7 जुलाई तक आमंत्रित किए जाएंगे. इसके बाद 17 जुलाई तक ठेका प्रदान किया जाएगा. परियोजना को ठेके की तिथि से 20 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
बेंच ने आदेश दिया है कि इन घरों और उनके आस-पास की पुरानी तथा क्षतिग्रस्त जलापूर्ति पाइपों को बदलने का कार्य अगस्त 2025 तक पूरा किया जाना चाहिए. किसी भी प्रकार की विफलता को अदालत गंभीरता से लेगी. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.
दिन में पेयजल की किल्लत, रात को दूषित जल आपूर्ति
दिल्ली के द्वारका सेक्टर-8 के बी ब्लॉक में पिछले तीन वर्षों से स्वच्छ पानी की गंभीर कमी बनी हुई है. स्थिति यह है कि दिन के समय पानी की आपूर्ति नहीं होती, जबकि रात में गंदे और बदबूदार पानी की सप्लाई की जा रही है. इस समस्या के चलते स्थानीय निवासियों में काफी रोष उत्पन्न हो गया है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब से यह क्षेत्र डीडीए से दिल्ली जल बोर्ड के अधीन आया है, तब से जल संकट और बढ़ गया है. अब स्वच्छ पानी उनके लिए केवल एक सपना बनकर रह गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री और विधायक से अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराया है, लेकिन इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकल रहा है. हालात यह हैं कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी फोन उठाने तक से कतराने लगे हैं.
बी-ब्लॉक के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव बीएस त्रिपाठी ने बताया कि पानी की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा, सीवेज और पार्क के रख-रखाव से संबंधित भी कई समस्याएं हैं. इस ब्लॉक में 321 प्लॉट हैं, जहां लगभग 1200 परिवार निवास करते हैं. कुछ क्षेत्रों में पानी की पूरी तरह से अनुपलब्धता है, जबकि अन्य स्थानों पर गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है.
वंदना अरोड़ा, एक स्थानीय निवासी, ने बताया कि उन्होंने यहां करोड़ों रुपये का घर खरीदा था ताकि उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल सकें, लेकिन स्थिति यह है कि उन्हें पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है. एचके सिंह पुंडीर, आरडब्ल्यूए के सदस्य, ने कहा कि उन्होंने जल बोर्ड से कई बार पानी की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पानी एक मूलभूत आवश्यकता है, और इसकी अनुपलब्धता गंभीर चिंता का विषय है.
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