नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इसके साथ ही जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि जेल मैन्युअल के हिसाब से दोपहर 3 बजे से 4 बजे के बीच वीडियो कॉल के जरिए पत्नी के साथ बातचीत का समय सुनिश्चित करे.
मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी के स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा आधार का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है. बुधवार को कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को नोटिस जारी कर दिया था. 25 अप्रैल को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मनीष सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
दिल्ली शराब नीति केस में मनीष सिसोदिया के खिलाफ ED की ओर से दाखिल पांचवी चार्जशीट पर बुधवार को होने वाली सुनवाई टल गई. अब राउज एवेन्यु कोर्ट मामले में 19 मई को सुनवाई करेगी.
सीबीआई ने बुधवार को यह तर्क देते हुए जमानत याचिका का विरोध किया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सत्ता में हैं और उनका राजनीतिक रसूख है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए थे. उन्होंने कहा कि सिसोदिया ने आबकारी सहित विभिन्न विभागों को नियंत्रित किया और जिस दिन मामला एलजी द्वारा सीबीआई को भेजा गया उस दिन जानबूझकर कुछ सबूत और एक मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया .
ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. एजेंसी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM को तिहाड़ जेल से 9 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वे एजेंसी की हिरासत में हैं. 8 मई को कोर्ट ने ED के केस में उनकी कस्टडी 23 मई तक बढ़ा दी थी. उधर, एजेंसी ने मामले में अब तक 11 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है. वहीं, CBI के मामले में कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की कस्टडी 12 मई तक बढ़ाई थी. CBI ने शराब नीति केस में उन्हें 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था.