Delhi Jamia Nagar Bulldozer Action: दिल्ली के जामिया नगर (Jamia Nagar) में बुलडोजर एक्शन पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का ‘स्पीड ब्रेकर’ लग गया है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग (Uttar Pradesh Irrigation Department) की ओर से जारी ध्वस्तीकरण पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। जामिया नगर के लोगों को बड़ी राहत देते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तक इस मसले पर कार्रवाई करने से मना किया है।
दरअसल जामिया नगर के 115 निवासियों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। लोगों ने यूपी सिंचाई विभाग द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। निवासियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सिंचाई विभाग को मुरादी रोड, खिजर बाबा कॉलोनी, जामिया नगर और ओखला में खसरा संख्या 277 में स्थित उनकी संबंधित संपत्तियों को ध्वस्त करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा मामला
दिल्ली के जामिया नगर का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। 29 मई को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में अवैध संपत्तियों को तोड़ने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते सुनवाई के लिए सहमति जताई है। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान लिया। मामले की सुनवाई के दौरान बुलडोजर की कार्रवाई से पहले 26 मई को नोटिस चस्पा कर बेदखल करने की बात कही गई है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बुलडोजर की कार्रवाई करने से पहले 15 दिन का समय दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को किया लिस्ट
दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को अगले हफ्ते के लिए लिस्ट करने पर सहमति जताई है। गौरतलब है कि हाल ही में अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की जमीन पर अतिक्रमण का हवाला देते हुए दिल्ली के ओखला में मौजूद जामिया नगर इलाके में कई घरों को गिराने के नोटिस जारी किए हैं। इस पर स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने विरोध जताया है, और अब मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है। यह मामला अब एक कानूनी और मानवीय दृष्टिकोण से अहम पड़ाव पर है, जिसकी सुनवाई अगले हफ्ते होने वाली है. सभी की निगाहें अब टॉप कोर्ट पर टिकी हैं।
बटला हाउस की पुरानी बस्ती और डीडीए का दावा
बटला हाउस के मुरादी रोड़ पर करीब 50 से 60 साल पुरानी बस्ती है। जिसपर कार्रवाई के लिए नोटिस चस्पा किया गया है. दिल्ली विकास प्राधिकरण ने इन इलाकों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर चुकी है। डीडीए ने बटला हाउस के मुरादी रोड़ पर अपना दावा ठोका था, और मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8 मई को दिए गए निर्देश के बाद उठाया गया है, जिसमें डीडीए को ओखला गांव में कानून के अनुसार अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त करने के लिए कहा गया था। डीडीए का दावा है कि खसरा नंबर 279 का जमीन दिल्ली विकास प्राधिकरण का है और इस पर अवैध तरीके से घर बने हैं।
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