दिल्ली हाईकोर्ट केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई होगी. दरअसल, सीसीपीए (CCPA) ने गाइडलाइन जारी की थी, जिसके मुताबिक, होटल और रेस्टोरेंट बिल में सर्विस चार्ज (Service Charge) नहीं जोड़ सकते. लेकिन ग्राहक की मर्जी होगी तो वो अपनी मर्जी से सर्विस चार्ज का भुगतान कर सकते हैं.
एनआरएआई (NRAI) ने रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक संबंधी गाइडलाइन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. जिस पर अब 21 जुलाई को सुनवाई होगी.
देश में ऐसा कोई कानून नहीं है- NRAI
अदालत के समक्ष याचिका में कहा गया कि देश में ऐसा कोई भी कानून नहीं है जो रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज (Service Charge) को अवैध बताता हो. ऐसे में इस आदेश को सरकार के आदेश के रूप में नहीं माना जा सकता. एनआरएआई (NRAI) ने कहा कि सर्विस चार्ज रेस्टोरेंट के मेनू कार्ड पर साफतौर पर दर्शाया जाता है. कस्टमर नियमों और शर्तों से अवगत होने के बाद ही ऑर्डर देते हैं.
एनआरएआई (NRAI) ने आगे कहा कि “सर्विस चार्ज बिजनेस प्रक्रिया में शामिल है. यूके, सिंगापुर, जापान और अमेरिका जैसे कई देशों में 8 प्रतिशत और 12.5 प्रतिशत के बीच सर्विस चार्ज लगाया जाता है.”
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