नई दिल्ली . दिल्ली में इस बार सर्दी के मौसम में हवा की गति बीते छह साल में सबसे धीमी रही. इसकी वजह से प्रदूषक कणों का बिखराव बेहद धीमा रहा और लोगों को ज्यादा जहरीली हवा का सामना करना पड़ा.
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएससी) की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 में हवा की औसत रफ्तार सिर्फ 9.8 किलोमीटर प्रतिघंटा रही, जो नवंबर 2022 (12.4 किलोमीटर प्रतिघंटा) की तुलना में 21 फीसदी कम है. इसी वजह से पहले से ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ा. नवंबर के महीने में कुल नौ दिन ऐसे रहे थे जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार यानी गंभीर या अत्यंत गंभीर श्रेणी में रहा था.
दिल्ली में नवंबर और दिसंबर पहले की तुलना में ज्यादा प्रदूषित रहे, जबकि इस बार पिछले छह साल की तुलना में सबसे कम पराली का धुआं दिल्ली के वायुमंडल में आया.
बीते छह वर्षों में दिल्ली में सबसे ज्यादा बारिश इस बार के नवंबर (14.2 मिलीमीटर) में हुई. इसके बावजूद लोगों को पहले से ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ा. सीएसई के आकलन के मुताबिक, हवा की बेहद धीमी गति इसका मुख्य कारण रही है.
नवंबर में पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा की रफ्तार बढ़ती है और प्रदूषक कणों का बहाव होता है. लेकिन इस बार लगातार ही हवा की गति 10 किलोमीटर प्रतिघंटे से कम रही है.
शीतलहर के साथ ठंड और बढ़ने के आसार
नई दिल्ली. मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों में उत्तर भारत के कई हिस्सों में घना कोहरा छाने और शीतलहर में वृद्धि के आसार हैं. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के कुछ हिस्सों में कड़ाके की ठंड जारी रह सकती है. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान 4-8 डिग्री के बीच दर्ज किया गया.
सीएसई में वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ अविकल बताते हैं कि अलनीनो की वजह से सतह पर चलने वाली हवा की गति इस बार कम रही. गर्मी में तेज धूप के चलते प्रदूषक कणों का बिखराव होता है. ठंड में धूप कमजोर हो जाती है. ऐसे में प्रदूषक कणों को बहाने में हवा की गति बेहद मददगार साबित होती है. हवा कमजोर होने पर प्रदूषक कण जमा हो जाते हैं.