दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना नदी की सफाई राजनीतिक दलों के बीच एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई थी. अब जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनाव जीत चुकी है. दिल्ली में नई सरकार बनानी बाकी है. लेकिन यमुना नदी की सफाई सरकार बनने से पहले ही शुरू हो गई है.  गंदे नाले के रूप में बदल चुकी यमुना नदी की सफाई को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस तरह से प्रयास शुरू किए गए हैं. ऐसा लगता है कि दिल्ली की जीवन रेखा के रूप में जानी जाने वाली यमुना नदी के अच्छे दिन आने वाले हैं. रविवार से सफाई की एक नई मुहिम के तहत सरकारी पहल शुरू की गई है.

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सफाई के लिए अत्याधुनिक मशीनों की तैनाती

केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की नई सरकार का अभी गठन नहीं हुआ है, लेकिन उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को समय रहते यमुना नदी को साफ सुथरा करने का निर्देश दिया है. यमुना को साफ करने के लिए सात अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें चार स्कीमर मशीन, दो वीड हार्वेस्टिंग मशीन और एक डीटीयू मशीन शामिल हैं. फिलहाल यमुना की सफाई दिल्ली के आईटीओ और वासुदेव घाट से शुरू की गई है.

चार सूत्री रणनीति से हो रही सफाई

साथ ही, सप्लीमेंट्री नाला, नजफगढ़ नाला और अन्य महत्वपूर्ण नालों की सफाई भी शुरू हो जाएगी. तीसरी रणनीति में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की क्षमता और उत्पादन पर दैनिक निगरानी रखी जाएगी, जबकि चौथी रणनीति में नए एसटीपी और डीएसटीपी के निर्माण की समयबद्ध योजना बनाई जाएगी, जिससे लगभग 400 MGD गंदे पानी की वास्तविक कमी को पूरा किया जा सके.

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DDA, PWD समेत कई विभाग जुटे

दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, दिल्ली नगर निगम, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए इन सभी एजेंसियों और विभागों के बीच साप्ताहिक आधार पर उच्च स्तर पर समन्वय की आवश्यकता होगी, जो इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करेंगे. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को यमुना नदी के पुनरुद्धार प्रयासों के तहत, नदी की पानी की गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण को कम करने के लिए यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि औद्योगिक इकाइयां नालों में गंदा पानी न छोड़ें.

फ्लड एंड इरिगेशन विभाग को मिली जिम्मेदारी

दिल्ली सरकार के फ्लड एंड इरिगेशन डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी को यमुना की शुरुआती साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है. इस अभियान के लिए दो अलग-अलग एक्शन प्लान बनाए गए हैं, पहला रविवार से लागू हो गया है, जो फिलहाल कचरे का निस्तारण करता है.

सूत्रों के अनुसार, पहले यमुना नदी में वजीराबाद से ओखला तक फैले ठोस कचरे को निकाला जाएगा. दिल्ली में यमुना नदी में कितना कचरा फैला हुआ है, इस बारे में कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है, इसलिए काम शुरू होने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितना समय लगेगा.

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काला पानी से साफ पानी में वक्त लगेगा

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आज की तारीख में यमुना नदी पूरी तरह से काली हो गई है और इसका रंग नाले में बदल गया है. इसलिए यमुना का रंग बदलने में अभी समय लगेगा.

Delhi में अलग-अलग एजेंसी हैं, लेकिन सभी को मिलकर काम करना होगा, ताकि उम्मीद की सफलता मिल सकती है; हालांकि, जानकारी के अनुसार, यह एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें समय और कुशल प्रबंधन की भी जरूरत होगी.

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100 दिन के एजेंडे पर काम

10 फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव ने सभी विभागों को नई सरकार के बनाए गए दिल्ली संकल्प पत्र 2025 के संदर्भ में 100 दिनों की कार्ययोजना बनाने का आदेश दिया.

दिल्ली जल बोर्ड को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि राजधानी की कॉलोनियों और क्षेत्रों में किसी भी सीवेज के बहाव को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएं. दिशा-निर्देशों में यमुना की सफाई की प्रक्रिया के अलावा यमुना में सीवेज के बहाव को रोकने के उपाय भी शामिल हैं.