Delhi Loksabha Election 2024:  नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन करके कांग्रेस ने वोटों के विभाजन को रोकने की कोशिश तो की है, लेकिन पार्टी को मिली तीन में से दो सीटों पर भीतरघात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.

 टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में संघर्ष किसी से छुपा नहीं है. कांग्रेस आलाकमान की ओर से टिकट बांटे गए हैं, जिससे इन दोनों सीटों पर भीतरघात का खतरा बना हुआ है.

सूत्रों का कहना है कि भीतरघात का सबसे अधिक खतरा उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी लोकसभा सीट पर है. इन दोनों सीटों पर पार्टी ने स्थानीय नेताओं को टिकट न देकर क्रमशः कन्हैया कुमार और उदित राज जैसे बाहरी उम्मीदवारों पर दांव लगाया है. उत्तर-पूर्वी सीट पर सबसे पहले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का नाम चला. बाद में पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, पूर्व विधायक भीष्म शर्मा का भी नाम चर्चा में आया, लेकिन आखिरी क्षणों में इस सीट पर कन्हैया कुमार को उतार दिया गया. इसी तरह उत्तर-पश्चिमी सीट पर पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान और पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार का नाम चलता रहा, लेकिन अंततः टिकट भाजपा से कांग्रेस में आए डॉ. उदित राज को मिला.

स्थानीय उम्मीदवारों की उपेक्षा से पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू:

चार सीटें पहले ही AAP को देने के बाद जब कांग्रेस आलाकमान ने इन दो सीटों पर भी स्थानीय उम्मीदवारों की उपेक्षा कर दी, तो पार्टी में विरोध के स्वर उभरने लगे. पहले राजकुमार चौहान ने पार्टी छोड़ी, फिर लवली सहित पूर्व विधायक नीरज बसोया, नसीब सिंह, पूर्व प्रदेश युवा अध्यक्ष अमित मलिक और एआईसीसी सदस्य ओमप्रकाश बिधूड़ी ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया. इन सभी नेताओं के बहुत से समर्थक अभी पार्टी में ही हैं, लेकिन कन्हैया और लवली के साथ कतई नहीं हैं.