नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के थिंक टैंक डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली (DDC) ने दिल्ली बाजार और व्यापार निकायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. ‘दिल्ली बाजार’ वेब पोर्टल तैयार करने में उनकी भागीदारी को लेकर विचार-विमर्श किया. दिल्ली के बाजार संघों ने ‘दिल्ली बाजार’ वेब पोर्टल बनाने के केजरीवाल सरकार के फैसले का तहे दिल से स्वागत किया. उन्होंने इस पहल को सफल बनाने के लिए कई सुझाव दिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि दिल्ली का अपना ई-मार्केटप्लेस ‘दिल्ली बाज़ार’ पोर्टल होगा, जहां हर छोटे और बड़े दुकानदान का एक वर्चुअल स्टोर होगा. इसके जरिए अपने सामान को दुनिया भर में ऑनलाइन बेचा जा सकेगा. इसके जरिए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि वेब पोर्टल पर खरीदारों के साथ-साथ विक्रेताओं को भी सकारात्मक परिणाम मिले.

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इस बैठक में चांदनी चौक, भगीरथ पैलेस, सदर बाजार, खारी बावली, नया बाजार, मोरी गेट, चावड़ी बाजार, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, करोल बाग, सरोजिनी नगर, खान मार्केट, राजौरी गार्डन, कमला नगर, पालिका बाजार, रोहिणी, पीतमपुरा, लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर, गांधी नगर जैसे क्षेत्रों के 40 से अधिक ट्रेड-मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान पोर्टल के निर्माण को लेकर उनकी भूमिका और दिल्ली सरकार के साथ समन्वय के तरीकों पर चर्चा की. व्यापार-बाजार संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार लॉकडाउन और कोरोना महामारी के प्रभाव से व्यवसायों को राहत देने के लिए अथक प्रयास कर रही है. पिछले साल दिल्ली सरकार ने ‘रोजगार बाजार’ की स्थापना की, जो कि एक जॉब मैचिंग वेब प्लेटफॉर्म है. जिस पर नौकरी तलाश रहे 14 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकृत किया है, जिसके जरिए 10 लाख से अधिक नौकरियां निकाली गई हैं. यह व्यापार-उद्योग संगढनों के साथ चर्चा पर आधारित था, जिसके कारण ‘दिल्ली बाजार’ की अवधारणा तैयार हुई.

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डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली की वस्तुओं और सेवाओं की विश्व स्तर पर प्रशंसा की जाती है, लेकिन ऑनलाइन मौजूदगी नहीं होने की वजह से कई व्यवसायों को नुकसान होता है. लॉकडाउन के दौरान खुदरा दुकानदारों को नुकसान हुआ, जबकि ई-कॉमर्स के राजस्व में 150 फीसदी की वृद्धि हुई. टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी डिजिटल भुगतान में भारी वृद्धि देखी गई है. ऐसे में कई दुकानदारों ने ऑनलाइन मौजूदगी की जरूरत महसूस की. ऐसे में सीएम अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की, कि दिल्ली सरकार की ओर से अत्याधुनिक ई-मार्केटप्लेस दिल्ली बाजार बनाया जाएगा. जहां से दिल्ली के व्यापारी-दुकानदार पूरी दुनिया में कहीं भी किसी को भी अपने उत्पादों बचे सकेंगे.

 

खरीदार दिल्ली के बाजारों में वर्चुअल तरीके से जा सकेंगे

उन्होंने कहा कि पोर्टल डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर और बिजनेस-टू-बिजनेस दोनों तरह के व्यापार को मजबूती देगा. खरीदार दिल्ली के बाजारों में वर्चुअल तरीके से जा सकेंगे और अपनी पसंद का कोई भी प्रोडक्ट अपने घर से ही खरीद सकेंगे. यह आसान पोर्टल स्थानीय व्यवसायों की बड़े बाजारों तक पहुंच प्रदान करके और सभी के लिए समान अवसर प्रदान करके उन्हें बढ़ावा देने में मदद करेगा. दुकानदारों को सरकार बिना किसी लागत के पोर्टल पर अपनी वर्चुअल दुकान बनाने में मदद करेगी. इससे उन्हें अपने व्यवसाय को कोविड के प्रभाव से बचाने में भी मदद मिलेगी. इसके साथ ही उन्हें एक वैश्विक ऑनलाइन पहचान भी मिलेगी.

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चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार कारोबारियों और ग्राहकों से जोड़कर अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश कर रही है. दिल्ली के मार्केट एसोसिएशन इस प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाएंगे. बाजार संघ पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले दुकानदार के सत्यापन और विक्रेताओं को संगठित करने में मदद कर सकते हैं. इस चर्चा के दौरान कई व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अधिकतम लाभ के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की संरचना के बारे में व्यावहारिक सुझाव दिए. उन्होंने पोर्टल को डिजाइन करने, नए व्यवसायों को जोड़ने और पोर्टल पर नकली पंजीकरण को रोकने के लिए बाजार संघों को शामिल करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव की विशेष रूप से सराहना की.

 

बाजार संगठनों ने किया स्वागत

कमला नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की पहल का स्वागत करते हैं, क्योंकि इससे दिल्ली के विक्रेताओं के लिए व्यापार करने में आसानी होगी. उन्हें कई तकनीकी और वित्तीय चुनौतियों से उबरने में मदद मिल सकती है. मोरी गेट स्थित ऑटोमोटिव एंड जनरल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष निरंजन पोद्दार ने कहा कि दिल्ली सरकार के जुड़ने से खरीदारों के बीच विश्वास बनाने में मदद मिलेगी. उनका संगठन पोर्टल स्थापित करने में सरकार का सक्रिय सहयोग करेगा.