नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो ने दिल्लीवासियों को एक बड़ा तोहफा दिया है. अब यहां 57 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन पर ड्राइवर के बिना (Driverless Metro) मेट्रो चलेगी. आज सुबह केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने हरी झंडी दिखाकर मेट्रो को रवाना किया. ड्राइवरलेस मेट्रो शुरू होने से अब पिंक लाइन दूसरी ऐसी लाइन बन गई है, जिस पर अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन ( यूटीओ) सिस्टम की मदद से ड्राइवरलेस ट्रेनें चलाई जा सकेंगी.
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पिंक लाइन के ड्राइवरलेस होने से यात्रियों को रिंग रोड के नजदीकी स्टेशनों से संचालित मेट्रो में सफर का मौका मिलने लगेगा. यानी अब दिल्ली मेट्रो का करीब 90 किलोमीटर से अधिक लंबा रूट ड्राइवरलेस हो गया है. हालांकि पिंक लाइन में शुरुआत में ट्रेनों की ड्राइविंग कार में ट्रेन ऑपरेटर मौजूद रहेंगे, लेकिन ट्रेन का सिस्टम ऑटोमेटिक तरीके से ही काम करेगा. इससे पहले दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर पिछले साल दिसंबर में ही ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिसंबर 2020 को देश की पहली (मजेंटा लाइन) पूरी तरह ऑटोमेटेड ड्राइवरलेस मेट्रो की शुरुआत की थी.
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इसके साथ ही मजेंटा लाइन पर 37.5 किलोमीटर लंबे रूट (बॉटेनिकल गार्डेन से जनकपुरी) पर पहले से ही ड्राइवरलेस मेट्रो चल रही है. वहीं अब पिंक लाइन पर मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच नए रूट पर मेट्रो बिना ड्राइवर के 58.4 किलोमीटर दौड़ेगी. दरअसल डीएमआरसी का नेटवर्क वर्तमान में 286 स्टेशनों के साथ करीब 391 किलोमीटर तक फैला हुआ है. इसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर और रेपिड मेट्रो, गुड़गांव भी शामिल है.
ड्राइवरलेस मेट्रो से होंगे ये फायदे
- मेट्रो के ड्राइवरलेस होने से फ्रिक्वेंसी बढ़ जाएगी. 90 सेंकेंड के अंतराल पर मेट्रो की सुविधा यात्रियों को उपलब्ध होगी.
- इससे रोजाना मेट्रो के लगने वाले फेरों में बढ़ोतरी होगी
- प्रणाली पूरी तरह स्वचालित होगी, ट्रैक पर बाधा की मिलेगी जानकारी
- मेट्रो ट्रेन के बाहर लगे होंगे कैमरे, ओसीसी की हर पल रहेगी नजर
- आठ लाइन से इंटरचेंज की सुविधा होगी
- सभी मेट्रो में छह कोच होंगे
फिलहाल डेनमार्क, स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन के साथ-साथ अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में ड्राइवरलेस मेट्रो का संचालन होता है.
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