
दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी इंजीनियर रामाशीष सिंह को निलंबित कर दिया है. यह निर्णय पटपड़गंज के दौरे के दौरान सामने आई कमियों के आधार पर लिया गया. इससे पूर्व, मंत्री ने यह टिप्पणी की थी कि अधिकारियों की कार्यशैली में पिछले 10 वर्षों में सुधार नहीं हुआ है और उन्होंने कहा कि उन्हें सड़कों पर दौड़ाने से ही उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी.
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विजिट के दौरान उन्होंने बताया कि नालों की क्षमता अपर्याप्त है, जिसे बढ़ाने का कार्य चल रहा है. पिछले एक दशक में इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई थी. पूरे दिल्ली का जल निकासी प्रणाली ठप हो गई थी, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि यह पूरी तरह से ध्वस्त हो सकती है. प्रवेश वर्मा ने यह भी जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई है, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि उद्योगों से निकलने वाला पानी एसटीपी (STP) प्लांट के माध्यम से जाए और यमुना में गिरने वाला पानी 100 % उपचारित हो.
एक-एक STP की खुद जांच करूंगा
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे प्रत्येक एसटीपी की व्यक्तिगत रूप से जांच करेंगे और यदि कोई ढिलाई पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. उनका यह भी कहना है कि वे प्रतिदिन 20 घंटे काम कर रहे हैं. वे पिछली सरकार के समय में निष्क्रिय रहे अधिकारियों से ही कार्य करवाने का निर्णय ले चुके हैं और किसी भी प्रकार की ढिलाई को सहन नहीं करेंगे.
जनता का काम सर्वोपरि
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में सभी अधिकारियों की खाल मोटी हो गई है, और अब उनकी चर्बी को कम करना आवश्यक है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सभी को सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है, और वे स्वयं भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं. जब मेहनत का पसीना बहाया जाएगा, तब ही चर्बी और खाल में कमी आएगी, जिससे काम करने की आवश्यकता महसूस होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को नौकरी मिलने के बाद काम करने में रुचि नहीं है, जबकि पहले वे नौकरी के लिए दौड़ते थे. जनता का कार्य सबसे महत्वपूर्ण है, और यह भारत की राजधानी है, जिसे एक सशक्त राजधानी बनाना होगा.
समर एक्शन प्लान पर क्या कहा?
उन्होंने समर एक्शन प्लान के संदर्भ में कहा, “हमारी बैठकें हर तीन दिन में होती हैं. हम पिछले तीन दिनों की प्रगति और अगले तीन दिनों की योजना पर चर्चा करते हैं. हम धीरे-धीरे सभी सिस्टम को ऑनलाइन के साथ एकीकृत करेंगे. पूरी दिल्ली का ऑनलाइन निगरानी करेंगे, ताकि यह पता चल सके कि कहां कितना सिल्ट जमा है, कितना कचरा डम्प यार्ड में जा रहा है और STP प्लांट द्वारा कितना कार्य किया जा रहा है. सभी गतिविधियों की 24 घंटे निगरानी की जाएगी, भले ही अधिकारी इस निगरानी के खिलाफ हों, लेकिन यह प्रक्रिया जारी रहेगी.”
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