दिल्ली में तीनों नगर निगमों के चुनाव टाले जाने को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी पर हमलावर है. चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि, केंद्र सरकार तीनों निगमों को एक करना चाहती है, इसीलिए चुनाव की तारीखों को टाला गया है. अब इसे लेकर बिल संसद में पेश होने जा रहा है.

दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला बिल शुक्रवार 25 मार्च को लोकसभा में पेश किया जाएगा. इस बिल को गृहमंत्री अमित शाह पेश करेंगे. इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. संसद से बिल पास होने के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों को भंग कर चुनाव कराए जाएंगे.

चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर आरोप
दिल्ली नगर निगम चुनावों की तारीखों का ऐलान होने जा रहा था, लेकिन ऐन मौके पर चुनाव आयोग ने बताया कि फिलहाल ये चुनाव टाल दिए गए. क्योंकि केंद्र सरकार इसे लेकर बिल पेश करने जा रही है. इसे लेकर दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने जमकर विरोध किया.

केजरीवाल की पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग और बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि सरकार की तरफ से चुनाव टालने को कहा गया. उन्होंने कहा कि, भाजपा चुनाव नहीं चाहती है. भाजपा नेताओं ने एमसीडी में लूट के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.’’

केजरीवाल ने पूछा 7 साल से क्यों नहीं लाए बिल ?
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा कि, आखिर भाजपा ने बीते सात सालों में क्यों नहीं तीनों निगमों को मिलाने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ‘‘आप (भाजपा) बीते सात साल से कहां सोए थे.

विधानसभा में बोलते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा बाबा साहेब आम्बेडकर से नफरत करती है, क्योंकि उन्होंने संविधान और लोकतंत्र दिया. उन्होंने भाजपा को समय से एमसीडी चुनाव कराने और जीतने की चुनौती दी. केजरीवाल ने तंज कसा, ‘‘दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी (भाजपा), दुनिया की सबसे छोटी पार्टी (आप) से डर गई है.’’

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