देशभर में सोमवार को रोशनी और उल्लास का पर्व दिवाली धूमधाम से मनाया गया। घरों में दीये जले, मां लक्ष्मी की पूजा हुई और लोग परिवार और मित्रों के साथ त्योहार का आनंद ले रहे थे। हालांकि, खुशियों के बीच पटाखों के धुएं ने हवा की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर डाला। दिवाली के बाद सोमवार सुबह दिल्ली की सड़कों पर धुंध ने आंखों में जलन और घुटन जैसी परेशानियां पैदा की। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के अनुसार, सोमवार को कई बड़े शहरों की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। इनमें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, कानपुर, पटना हालांकि, देश के कुछ शहर ऐसे भी रहे, जहां हवा अपेक्षाकृत साफ रही।
पूर्वोत्तर भारत और शिलांग
मेघालय की राजधानी शिलांग अपनी हरियाली और पहाड़ी जलवायु के लिए जानी जाती है। यहां के लोगों ने पटाखों से दूरी बनाकर दिवाली मनाई, जिससे हवा की गुणवत्ता पर सकारात्मक असर पड़ा। शिलांग में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) केवल 17 दर्ज किया गया, जो देश की सबसे साफ हवा थी। गंगटोक (सिक्किम) में AQI 27 तिरुमला (आंध्र प्रदेश) में AQI 21
मैसूर की हवा की गुणवत्ता बेहद साफ
दिवाली के उत्सव के बाद देश के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता प्रभावित हुई, लेकिन दक्षिण भारत के कुछ शहरों में हवा अपेक्षाकृत साफ रही। मैसूर – AQI 38 कारवार – AQI 35 मैंगलोर – AQI 56 देवांगेरे – AQI 32 हुबली – AQI 48, बागलकोट-45, चंदरपुर-84, चिंकमंगलूर-50, देवांगेरे-32, एल्लूर-45, गैंगटोक-27, हस्सन-53, हुबली-48, कलबुर्गी-49, कारवार-35, कोल्लम-48, मैसूर-38, रायपुर-48, शिलॉग-17, तिरुमला- 21, दक्षिण भारत में साफ हवा, मैसूर – AQI 38, कारवार – AQI 35, मैंगलोर – AQI 56, देवांगेरे – AQI 32, हुबली – AQI 48, कोल्लम (केरल) – AQI 48, मदुरई (तमिलनाडु) – AQI 64 इन शहरों में लोगों ने सीमित पटाखों का उपयोग किया और स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखा, जिससे हवा अपेक्षाकृत साफ बनी रही। समुद्र की नमी और हरियाली ने भी प्रदूषण के तत्वों को लंबे समय तक टिकने से रोका।
रायपुर में AQI 48 दर्ज किया गया
महाराष्ट्र: अहमदनगर – AQI 87, अमरावती – AQI 61
इन शहरों में लोगों ने सीमित पटाखों का उपयोग किया, स्वच्छता पर ध्यान रखा और प्राकृतिक हरियाली और समुद्र की नमी ने प्रदूषण को फैलने से रोका। कुछ शहरों में स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष निगरानी भी रखी।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
वहीं दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम जैसे महानगरों में दिवाली के अगले दिन सुबह धुंध और धुएं से आसमान भर गया। इस कारण लोगों को आंखों में जलन और घुटन जैसी समस्याएं झेलनी पड़ीं।
AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) का महत्व और श्रेणियाँ
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) यह बताता है कि किसी क्षेत्र की हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इसका स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव हो सकता है। AQI की श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
AQI रेंज स्थिति रंग संकेत
0 – 50 अच्छी हरा
51 – 100 संतोषजनक पीला
101 – 150 अस्वस्थ (सामान्य लोगों के लिए जोखिम) नारंगी
151 – 200 अस्वस्थ लाल
201 – 300 बहुत अस्वस्थ बैंगनी
301 – 500 खतरनाक गहरा बैंगनी / मेजैंटा
AQI 0–50 में हवा सांस लेने के लिए सुरक्षित मानी जाती है।
AQI 101 से ऊपर होने पर संवेदनशील लोगों को बाहर निकलने में सतर्कता बरतनी चाहिए।
AQI 301–500 वाली स्थिति में सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम अधिक होता है और बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए।
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