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नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी इंडेक्स अभी भी बहुत खराब है. ऐसे में AQI को और बिगड़ने से रोकने और एयर पॉल्यूशन को नियंत्रित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनसीआर के हर राज्य के लिए अलग-अलग टास्क फोर्स का गठन कर दिया. एनसीआर में दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ जिले आते हैं. दिवाली के बाद से ही यहां वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब है. सुप्रीम कोर्ट लगातार प्रदूषण को लेकर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई थी.
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि हाल ही में उसके आदेशों का पालन नहीं करने के कई मामले पाए गए हैं. यह टास्क फोर्स उसके आदेशों को लागू करने, प्रभावी करने, उनकी निगरानी और उनके अनुपालन की स्टेटस रिपोर्ट तैयार करेगा. आयोग ने कहा कि इसे देखते हुए दिल्ली और NCR में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आयोग ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी राज्यों में टास्क फोर्स गठित किया है. टास्क फोर्स इन राज्यों में आयोग के आदेशों और निर्देशों के पालन और वस्तुस्थिति पर निगरानी रखेंगे.
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एनसीआर के हर राज्य और दिल्ली के टास्क फोर्स में एक चेयरमैन (राज्य सरकार में मुख्य सचिव या सचिव), एक सदस्य (राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी का सदस्य सचिव), तकनीकी सदस्य (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तकनीकी प्रतिनिधि) और कम से कम तीन सदस्य (एपीसीबी/डीपीसीसी) के प्रशासनिक प्रतिनिधि होंगे. एनसीआर के राज्यों के लिए सीपीसीबी से 9 तकनीकी प्रतिनिधियों को चुन लिया है, जिनमें से हरियाणा और दिल्ली में तीन-तीन, उत्तर प्रदेश से दो और राजस्थान से एक व्यक्ति है. रिपोर्ट हर 15 दिन पर हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को आयोग के सामने पेश की जाएगी. गौरतलब है कि एनसीआर और इससे लगे क्षेत्र में वायु गुणवत्ता से संबंधी समस्याओं पर बेहतर समन्वय, समस्याओं को चिह्नित करने और उनका समाधान निकालन के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने इसी साल सीएक्यूएम का गठन किया था.
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