दिल्ली और एनसीआर के शहर पिछले कई दिनों से जानलेवा प्रदूषण की चपेट में हैं। डॉक्टरों ने स्थिति को इतना गंभीर बताया है कि कुछ विशेषज्ञों ने लोगों को कम से कम 6 महीने के लिए दिल्ली छोड़ने तक की सलाह दे दी, जबकि एम्स के डॉक्टरों ने हालात को ‘हेल्थ इमरजेंसी’ जैसा करार दिया है। लेकिन इस खतरनाक धुंध के बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है भारत के टॉप प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दिल्ली नंबर 1 पर नहीं है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक:
सबसे प्रदूषित शहर कोई और है (जिसका AQI दिल्ली से भी ज्यादा दर्ज हुआ) उसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा का स्थान है. जबकि दिल्ली का शाम 4 बजे का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 392 दर्ज किया गया. यह AQI “बहुत खराब” श्रेणी में आता है और “गंभीर” श्रेणी से सिर्फ 9 अंक कम है। इसके बावजूद दिल्ली के डॉक्टर लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि यदि हवा की गुणवत्ता में जल्द सुधार नहीं हुआ तो बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए हालात और खतरनाक हो सकते हैं।
दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाद बाकी 7 शहर भी NCR के ही थे, जो क्षेत्र की भयावह स्थिति को रेखांकित करते हैं। सूची में शीर्ष 3 के बाद क्रम इस प्रकार रहा हापुड़, रोहतक, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, भिवाड़ी इन सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता “बहुत खराब” से “गंभीर” के बीच दर्ज की गई, जिससे पता चलता है कि पूरा NCR क्षेत्र एक विस्तृत गैस चैंबर में बदलता जा रहा है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है और CPCB के दैनिक बुलेटिन में 11 नवंबर से लगातार नौ दिनों तक PM2.5 ही प्रमुख प्रदूषक दर्ज किया गया है। यह वह महीन कण है जो फेफड़ों में गहराई तक जाकर गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी तीन मुख्य वजहें हैं वाहनों से निकलने वाला धुआं (एग्जॉस्ट उत्सर्जन), औद्योगिक क्षेत्रों में दहन और ईंधन जलना, अवैध कचरा जलाना इन कारकों के साथ ठंडी हवाओं की कमी और वायु प्रवाह में गिरावट ने इसे और बढ़ा दिया। CPCB के Sameer App के नवंबर माह के आंकड़ों से पता चलता है कि 19 दिन PM2.5 प्रमुख प्रदूषक रहा, 7 दिन PM10 हावी रहा, 2 दिन CO (कार्बन मोनोऑक्साइड) मुख्य प्रदूषक रहा तुलनात्मक रूप से अक्टूबर महीने में स्थिति इस तरह थी 22 दिन PM2.5 प्रमुख, 24 दिन PM10 प्रमुख, 4 दिन CO प्रमुख, 1 दिन SO₂ (सल्फर डाइऑक्साइड) प्रमुख रहा. मौसम विभाग के अनुसार, सर्दियों के आगमन के साथ हवा की गति कम होने से PM2.5 कण वातावरण में लंबे समय तक फंसे रहते हैं, जिससे AQI तेजी से “बहुत खराब” और “गंभीर” श्रेणी में पहुंच जाता है।
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के विश्लेषक डॉ. मनोज कुमार ने कहा है कि सर्दियों के दौरान देश के बड़े महानगरों में कणों के कुल प्रदूषण भार में PM2.5 की हिस्सेदारी 40 से 60 प्रतिशत तक पहुंच जाती है, जो PM10 की तुलना में कहीं अधिक जहरीला होता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के नजदीक होने की वजह से गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता विशेष रूप से PM2.5 की सघनता शाम और रात के वक्त काफी ज्यादा रहती है। उनकी मानें तो इस समयावधि में शहर में अवैध रूप से कचरा जलाने के मामलों में वृद्धि होती है, जो प्रदूषण स्तर को रात के घंटों में बेहद खतरनाक श्रेणी तक पहुंचा देती है।
बुधवार को गुरुग्राम के सभी चार वायु-निगरानी स्टेशन पूरी क्षमता से संचालित हो रहे थे, और यहां से मिले आंकड़े शहर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता की गंभीर तस्वीर पेश करते हैं। ग्वाल पहाड़ी (IMD) में AQI 364 तक दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। सेक्टर 51 (HSPCB) स्टेशन पर स्थिति और ज्यादा चिंताजनक रही, जहां AQI 336 पाया गया, जबकि PM2.5 और PM10 दोनों ही खतरनाक स्तर 500 तक पहुंच गए। इसके मुकाबले टेरी ग्राम (HSPCB) में AQI 231 दर्ज हुआ, जो अन्य स्टेशनों की तुलना में कुछ बेहतर जरूर है, पर अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में ही आता है। वहीं विकास सदन (HSPCB) में AQI स्तर 272 रहा, जिससे साफ है कि पूरे शहर में हवा लगातार सांस लेने लायक नहीं थी।
मानेसर नगर निगम (MCM) ने औद्योगिक कचरा जलाने की बढ़ती घटनाओं पर सख़्ती दिखाते हुए शहर में कई “हॉटस्पॉट” की पहचान की है। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेक्टर 79, 82, 83, 6 और IMT क्षेत्र के पास अनधिकृत तरीके से औद्योगिक कचरा जलाने की कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि MCM की टीमें रात में विशेष गश्त कर रही हैं और यह भी सुनिश्चित किया गया है कि तय किए गए कूड़ा निस्तारण स्थलों पर कोई आग न लगे।
MCM के संयुक्त आयुक्त हितेंद्र कुमार ने बताया कि औद्योगिक कचरा जलाने पर रोक लगाने के लिए चार सहायक स्वच्छता अधिकारियों की दो सतर्कता टीमें (vigilance teams) तैनात की गई हैं। उनके अनुसार, “अब तक कई FIR दर्ज की गई हैं और चालान भी जारी किए गए हैं। पहले जिन स्थानोंजैसे सेक्टर 8 और NH-8 के पास खाली प्लॉट को अवैध डंपिंग और कचरा जलाने का केंद्र माना जाता था, उन्हें अब पूरी तरह साफ करा दिया गया है।”
गुरुग्राम के सेक्टर 67A में रहने वाले लोगों ने Ireo कॉरिडोर के पास दोबारा कचरा जलाने की शिकायतें दर्ज कराई हैं। स्थानीय निवासी और यात्री संदीप सिंह ने बताया, “बार-बार शिकायत करने के बावजूद MCG कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। धुएं से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है।”
शिकायतों के बढ़ने के बाद MCG के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्वच्छता सुरक्षा के लिए 12 एएसआई (ASI) की विशेष टीमें इलाके में सख़्त निगरानी रख रही हैं। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के तहत मंगलवार को 34 और सोमवार को 51 चालान जारी किए गए। अधिकारी ने कहा कि टीमें रात और सुबह दोनों समय गश्त कर रही हैं, ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके।
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