Delhi News: नई दिल्ली. उच्च न्यायालय ने 13 साल की दुष्कर्म पीड़िता को 24 से 26 सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति दे दी. न्यायालय ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल के मेडिकल बोर्ड (Medical Board) की ओर से पेश रिपोर्ट विचार करने के बाद यह आदेश दिया है. न्यायालय ने अस्पताल को जल्द से जल्द डॉक्टरों के देखरेख में पीड़िता का सुरक्षित गर्भपात करने का निर्देश दिया है.
जस्टिस जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने पिछले सप्ताह गुरु तेग बहादुर अस्पताल (Guru Teg Bahadur Hospital) में मेडिकल बोर्ड गठित कर नाबालिग गर्भवती की जांच करने और रिपोर्ट पेश करने को कहा था. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि नाबालिग पीड़िता के गर्भावस्था को जारी रखा जाता है तो न सिर्फ उसे बल्कि भ्रूण दोनों के लिए जोखिम होगा. न्यायालय (Court) ने इसके साथ ही दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (Delhi State Legal Services Authority) को नाबालिग पीड़िता को मुआवजा देने पर भी विचार करने का निर्देश दिया है.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने न्यायालय को बताया कि 13 साल की नाबालिग अपनी दादी के घर गई थी, वहां एक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. इसके बाद पीड़िता भोपाल स्थित अपने पैतृक गांव चली गई. बच्ची की तबीयत खराब होने पर उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए तो गर्भवती होने की जानकारी मिली.