नई दिल्ली. दिल्ली को अब तमाम बड़े प्रोजेक्ट की सौगात मिलने जा रही है. द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) रविवार को सौंप दिया जाएगा. कुछ दिनों बाद द्वारका एक्सप्रेसवे भी राष्ट्र को समर्पित किए जाने की तैयारी है.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि द्वारका एक्सप्रेसवे के उस हिस्से को यातायात के लिए खोलने की तैयारियां शुरू करें, जो तैयार हो चुका है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्तूबर में एक्सप्रेसवे के एक हिस्से का उद्घाटन कर सकते हैं.
द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है. पहले चरण में 19 किलोमीटर तक मार्ग को खोल दिया जाएगा, क्योंकि दिल्ली की सीमा में करीब 10 किलोमीटर लंबे हिस्से में काम चल रहा है. इसमें आठ लेन टनल बनाने का काम जारी है. इस कारण ही प्रोजेक्ट को पूरा करने में समय लग रहा है, लेकिन दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से लेकर दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे स्थित खेड़की दौला टोल प्लाजा तक के हिस्से को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा.
दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर लगने वाले भीषण जाम से निजात दिलाने के लिए ही शिव मूर्ति से खेड़की दौला टोल प्लाजा तक द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. आठ लेन के एक्सप्रेसवे को पूरी तरह यातायात के लिए खोले जाने पर प्रतिदिन जयपुर नेशनल हाईवे पर दो से तीन लाख यात्री पर कार यूनिट (पीसीयू) वाहनों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी. इसलिए द्वारका एक्सप्रेसवे को जयपुर नेशनल हाईवे का बाईपास भी कहा जा रहा है. इस एक्सप्रेसवे को सीधे एयरपोर्ट और फरीदाबाद से शुरू होकर दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली के रास्ते सिंघु बॉर्ड तक जाने वाली अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) से भी जोड़ा जाएगा, जिससे दिल्ली के अंदर वाहनों का दबाव कम करने में मदद मिलेगी.
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि अभी सिर्फ कुछ हिस्से पर वाहन चालकों को दिल्ली के बाहर से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जाने में मदद मिलेगी. फरवरी 2024 तक पूरा एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएगा.