नई दिल्ली. कड़कड़डूमा कोर्ट ने नाम बदलकर दोस्ती करने और दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक को राहत दी है. कोर्ट ने युवक पर आरोप तय करने के दौरान दुष्कर्म और घर में घुसने की धाराओं को हटा दिया है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि शिकायत तब दर्ज कराई गई जब संबंध नहीं चल रहे थे. इससे पहले दोनों सहमति से संबंध चला रहे थे, ऐसे में इसे दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता है.
करावल नगर थाने में मामला दर्ज है आरोपी युवक शाहरुख के वकील विकास त्रिवेदी ने बताया कि 9 जून को करावल नगर थाना पुलिस ने शाहरुख को दुष्कर्म, घर में घुसने, धमकी देने और छेड़खानी की धाराओं (आईपीसी, 376 (2) (एन), 448, 354 ( ए, सी, डी) में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था. युवती ने आरोप लगाया कि था कि युवक ने इंस्टाग्राम पर नाम बदलकर उससे दोस्ती की और वर्ष 2021 से लगातार उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोपी ने उसकी निजी तस्वीरें और वीडियो बनाए. वर्ष 2023 में युवती को उसके असली नाम के बारे में पता चला, जिसके बाद उसने आरोपी से संबंध तोड़ लिए. इस पर युवक ने उसे धमकी दी.
जबरन घर में घुसने के आरोप गलत मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि युवती को पहले से ही जानकारी थी कि वह उसके साथ संबंध बना रही है और दोनों सहमति से एक-दूसरे के साथ थे. इसके अलावा जबरन घर में घुसने का आरोप गलत है, क्योंकि युवती ने स्वयं युवक को बुलाया था. कोर्ट ने युवक के खिलाफ लगातार दुष्कर्म करने और घर में जबरन घुसने की धाराएं हटा दी हैं.
शिकायत तब दर्ज कराई गई, जब संबंध नहीं चल रहे थे. इससे पहले दोनों आपसी सहमति से संबंध चला रहे थे, ऐसे में इसे दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता है. – कोर्ट की टिप्पणी