Delhi News: नई दिल्ली. उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपी यूनिवर्सिटी) में दिल्ली के बच्चों के लिए आरक्षित सीटों को अनारक्षित घोषित कर बाहर के बच्चों को प्रवेश देने का आरोप लगाया गया.
विश्वविद्यालय को दिव्यांग श्रेणी के छात्रों को पांच फीसदी के बजाय तीन फीसदी ही आरक्षण देने की भी बात कही गई. न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार और आईपी यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर आल के सचिव शिखा बग्गा द्वारा दाखिल याचिका पर मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ‘यदि आरोप सही है तो यह चिंता का विषय है.
दिव्यांगों को भी कानून में निर्धारित पांच फीसदी के बजाय तीन फीसदी सीटों पर आरक्षण देने पर नाराजगी जाहिर की. पीठ ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. सरकार ने 85 फीसदी सीटें दिल्ली के लिए आरक्षित कर दिया, जबकि 15 फीसदी सीटों को सभी के लिए ओपन रखा. संगठन की ओर से अधिवक्ता खगेश झा ने आरोप लगाया कि खाली सीटों को अनारक्षित घोषित कर बाहर के बच्चों को प्रवेश दे रहे हैं.