नई दिल्ली. तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में अब कैदियों के उपद्रव को रोकने के लिए सुरक्षा कर्मियों को लात- घूसे नहीं चलाने पड़ेंगे. उपद्रव पर तुरंत अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा कर्मी सीधा इलेक्ट्रिक शाक देंगे. अब तिहाड़ व अन्य जेल के सुरक्षा कर्मी भी अमेरिका और इंग्लैंड (America and England) जैसे सुरक्षा कर्मियों की तरह अपने पास इलेक्ट्रिक शाक देने वाली छड़ी (बैटन) रखेंगे. इससे लेजर किरणों की तरह करंट निकलती है. जेल में सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने के लिए प्रशासन इसे जल्द खरीदने जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल में पिछले दिनों लगातार एक के बाद एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया. पहले गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया और इसी महीने टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) की हत्या से जेल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे थे. हालांकि इसके अलावा भी जेल में कैदियों व गैंगस्टरों के बीच भिड़ंत की बातें सामने आती रही हैं. जेल के अंदर सुरक्षा कर्मी किसी तरह के हथियार नहीं ले जा सकते हैं. ऐसे में कैदियों के बीच भिड़ंत होने पर सुरक्षा कर्मी खाली हाथ बीच-बचाव करते हैं, या फिर लात-घूसों की मदद से कैदियों को शांत करने का काम करते हैं. इससे कैदियों पर कोई खास असर नहीं होता है और उनके अंदर सुरक्षा कर्मियों को लेकर कोई भय भी नहीं रहता है. इससे निपटने के लिए जेल प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कई तरह के निर्णय लिए हैं.
कुछ सेकेंड के लिए अचेत कर देगा करंट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैटन गैर घातक है. इसके करंट से किसी तरह का शारीरिक और मानसिक नुकसान नहीं होता है, बल्कि यह लोगों को कुछ सेकेंड के लिए अचेत कर देता है. इससे सुरक्षा कर्मी कैदी को आसानी से काबू कर सकेंगे. इस तरह के बैटन का इस्तेमाल अमेरिका और यूरोपीय देशों में होता है.