नई दिल्ली. संसद ने मंगलवार को एक विधेयक पारित किया जिसमें दिल्ली में अनधिकृत गतिविधियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे पहले दिन में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) अधिनियम, 2023 लोकसभा में संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया. लोकसभा में तीन सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया. वहीं राज्यसभा में आठ सदस्यों ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लिया और इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि राजधानी के मास्टर प्लान 2041 को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जब तक रूपरेखा तय नहीं होती, तब तक कार्रवाई से सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की है. मास्टर प्लान में अनधिकृत निर्माण क्षेत्र में विकास की रूपरेखा तय की जा रही है. चूंकि इसमें दशकों तक ध्यान नहीं दिया गया.

ऐसे में मामला सुलझाने में समय लगेगा. विधेयक मंगलवार को पहले लोकसभा फिर राज्यसभा में पारित किया गया. विधेयक में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की समय सीमा 31 दिसंबर 2023 से बढ़ा कर 31 दिसंबर 2026 तक करने का प्रावधान है. गौरतलब है कि दिल्ली में अनधिकृत निर्माण पर राहत देने का सिलसिला 2006 से जारी है. पहली बार अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक साल की राहत दी गई थी. मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि यह कानून 2019 में अस्तित्व में आया. 2020 की शुरुआत में, हम (कोविड-19) महामारी का सामना कर रहे थे और 2020 और 2021 के लिए महामारी में, लगभग कोई जमीनी स्तर का काम नहीं किया जा सका. इन अनधिकृत कॉलोनियों में करीब 40 लाख लोग रहते हैं. यदि एक औसत परिवार में चार सदस्य हैं तो हमें लगभग आठ से 10 लाख परिवारों को पंजीकृत करना होगा. हम पहले ही चार लाख कर चुके हैं. हमें और अधिक करने की जरूरत है और हमें तेजी लाने की जरूरत है.’