दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर से 29 वर्षीय नाइजीरियाई नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने भाषा एक्सचेंज ऐप(language exchange app) के जरिए देशभर में 100 से अधिक अकेली महिलाओं को ठगी का शिकार बनाया। पुलिस के अनुसार, आरोपी खुद को ब्रिटेन में रहने वाला कोरियाई कारोबारी बताता था। गिरफ्तार आरोपी का नाम स्टीफन उर्फ के सी डोमिनिक बताया गया है। उसे किराए के मकान से पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी महिलाओं से भावनात्मक और वित्तीय धोखा देता था। इसके बाद उन्हें पैसा, गिफ्ट और ऑनलाइन लेनदेन के बहाने ठगता था। फिलहाल आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और साइबर अपराध के मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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ये था ठगी का तरीका

पुलिस ने बताया कि स्टीफन डोमिनिक एक ऐसे भाषा एक्सचेंज ऐप का इस्तेमाल करता था, जो दुनिया भर के मूल भाषियों से चैट करके यूजर्स को उनकी भाषाएं सीखने में मदद करता है। लेकिन आरोपी इसका इस्तेमाल अविवाहित महिलाओं को निशाना बनाने और उनका विश्वास जीतने के लिए करता था। वह महिलाओं को यह दावा करता था कि वह इमिग्रेशन में बड़ी रकम के चेक या दस्तावेजों के साथ फंसा हुआ है, जिनका क्लियरेंस होना बाकी है। इसके बहाने वह महिलाओं से पैसों की मांग करता और उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बनाता था।

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पुलिस ने बताया कि स्टीफन डोमिनिक के बाद उसके सहयोगी फोन पर खुद को सरकारी अधिकारी बताकर महिलाओं से संपर्क करते थे। वे महिलाओं को यह विश्वास दिलाते थे कि आरोपी की कागजी कार्रवाई को क्लियर करने के लिए पैसे की आवश्यकता है। इसके बाद पीड़िताएं यह राशि डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर कर देती थीं।

खुद को बताता था कोरियाई बिजनेस

डीसीपी (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने बताया कि स्टीफन डोमिनिक कथित तौर पर खुद को डक यंग नाम का कोरियाई आभूषण कारोबारी बताता था, जो यूके में रहता है। वह महिलाओं को व्यक्तिगत संबंधों और बिजनेस पार्टनरशिप का झूठा लालच देकर फंसाता था। यह मामला तब सामने आया जब अंजलि नाम की महिला ने 24 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई कि उसके साथ 48,500 रुपये की ठगी की गई।

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पुलिस के मुताबिक, ठगी की शिकार बनी महिला ने बताया कि उसकी मुलाकात ऐप के जरिए डक यंग से हुई, जिसने बाद में दावा किया कि उसे बिना मेडिकल सुविधा कार्ड के यात्रा करने के कारण मुंबई एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया था। इसके बाद शिकायतकर्ता को दो भारतीय नंबरों से कॉल आए, जिनमें कॉल करने वालों ने खुद को इमिग्रेशन अधिकारी बताया और उसकी क्लियरेंस के बदले पैसों की मांग की।

डीसीपी ने कहा कि UPI के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के बाद आरोपी ने उससे 2 लाख रुपये और मांगे। जब पीड़िता ने इनकार किया, तो आरोपी ने सभी तरह की बातचीत बंद कर दी।

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मोबाइल में 100 से ज्यादा महिलाओं के साथ चैट के सबूत मिले

इस मामले में शाहदरा के साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और ठग का पता लगाने के लिए टीम बनाई गई। जांचकर्ताओं ने पश्चिमी दिल्ली इलाके में डोमिनिक का पता लगाने से पहले उसके कॉल रिकॉर्ड, बैंक डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की। पुलिस ने बताया कि उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है, जिसमें उसकी फर्जी प्रोफाइल और 100 से ज्यादा महिलाओं के साथ चैट के सबूत मिले हैं।

पुलिस की पूछताछ के दौरान, डोमिनिक ने खुलासा किया कि वह 2019 में आइवरी कोस्ट से प्राप्त पासपोर्ट का इस्तेमाल कर छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। इसका कारण यह था कि नाइजीरियाई नागरिकों को भारत का वीजा मिलने में दिक्कतें आ रही थीं। पुलिस ने बताया कि वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वह अवैध रूप से भारत में रहा और जब उसके पैसे खत्म हो गए, तो उसने साइबर धोखाधड़ी करना शुरू कर दिया।

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