दिल्ली पुलिस(Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 10 साल से फरार उम्रकैद के कैदी को गुजरात के गोधरा से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान हसीन हुसैन, निवासी मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, हसीन हुसैन साल 2006 में अपने पड़ोसियों के परिवार पर हमले में शामिल था, जिसमें दो लोगों की हत्या और एक पर जानलेवा हमला किया गया था।

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 इस मामले में अदालत ने उसे 2013 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा। लेकिन, 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बहाने 4 हफ्ते की पैरोल मिली, जिसके बाद वह फरार हो गया। तब से लेकर अब तक आरोपी पुलिस को चकमा देता रहा। आखिरकार क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर उसे गुजरात के गोधरा से दबोच लिया।

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क्या है पूरा मामला?

पुलिस के अनुसार, हसीन हुसैन साल 2006 में वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी में हुए डबल मर्डर केस में शामिल था। 27 मार्च 2006 को हुई इस वारदात में मोहम्मद इमरान के भाई पप्पू और उनकी मां अनीशा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि उनकी बहन हिना को चाकू से गंभीर रूप से घायल किया गया था। जांच में सामने आया कि इमरान के परिवार की बेटी शबनम ने मोहल्ले के एक युवक से लव मैरिज कर ली थी। इस रिश्ते से नाराज होकर दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से तनाव था। वारदात के दिन आरोपी पक्ष ने मौका पाकर पूरे परिवार पर हमला कर दिया। इस मामले में अदालत ने हसीन हुसैन को 2013 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसे 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा। लेकिन, 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बहाने मिली 4 हफ्ते की पैरोल के बाद वह फरार हो गया और पिछले 10 साल से पुलिस को चकमा दे रहा था।

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दिल्ली पुलिस ने छापेमारी कर पकड़ा

क्राइम ब्रांच को हाल ही में खुफिया जानकारी मिली कि हसीन गुजरात के गोधरा में छिपा हुआ है। इसके बाद एक विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी निगरानी और स्थानीय जानकारी के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर उसे पकड़ लिया. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि पैरोल पर बाहर आने के बाद वह सबसे पहले असम चला गया और करीब 3 साल तक कपड़े बेचकर गुजारा करता रहा। इसके बाद वह पुलिस से बचने के लिए मध्य प्रदेश चला गया, जहां उसने करीब 3 साल बिताए। पिछले 4 साल से वह गोधरा (गुजरात) में रह रहा था और वहां भी कपड़े बेचने का काम कर रहा था।

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