नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शहर में एक और लॉकडाउन के डर से राष्ट्रीय राजधानी से प्रवासी मजदूरों के पलायन की खबरों का खंडन किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि मजदूर शहर से पलायन नहीं कर रहे हैं, ये सभी अफवाहें हैं. डीसीपी (पूर्वी जिला) प्रियंका कश्यप ने भी इसी तरह का एक संदेश साझा करते हुए कहा कि मजदूरों के इस तरह के बड़ी संख्या में पलायन की कोई सूचना नहीं है. 9 जनवरी को एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासी मजदूर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और गंभीर आजीविका समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिस कारण वे एक बार फिर अपने गृह राज्यों में लौट रहे हैं, साथ ही इस डर से भी कि साप्ताहिक कर्फ्यू को टोटल लॉकडाउन में बदला जा सकता है, हालांकि, सप्ताहांत कर्फ्यू को 9 जनवरी से आगे नहीं बढ़ाया गया है.

Corona Bomb in Delhi: दिल्ली में मिले 19,166 मरीज, 17 मरीजों की मौत, 1000 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित

 

दिल्ली में सोमवार को 19,166 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे संक्रमण दर बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई, जो 5 मई के बाद सबसे अधिक है. एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में तालाबंदी के डर से कई प्रवासी मजदूर पहले ही अपने गृह राज्यों के लिए रवाना हो चुके हैं. एक प्रवासी मजदूर हेमंत मौर्य ने कहा कि पिछली बार मैं अपने परिवार के साथ राष्ट्रीय राजधानी में फंस गया था. लॉकडाउन की अवधि धीरे-धीरे बढ़ाई गई थी और मुझे बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा था, इसलिए जब इस बार मैंने कर्फ्यू के बारे में सुना, तो मैंने राष्ट्रीय राजधानी छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने आगे कहा कि अगर कर्फ्यू नहीं बढ़ाया गया, तो हम वापस आएंगे. लॉकडाउन के डर से मैं 6 जनवरी को घर के लिए निकला था. बेरोजगारी के कारण हमें परेशानी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन जान बच गई तो हमें कुछ काम मिलेगा. इस बार मेरे साथ चार साथी मजदूर भी हैं.

 

24 घंटे में 19,166 नए मरीज

डीडीएमए की बैठक में फैसला किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के बीच प्रतिबंधों को और कड़ा किया जाएगा, लेकिन अभी के लिए कोई लॉकडाउन नहीं होगा. 19,166 ताजा मामले दर्ज करने के बाद दिल्ली ने कोरोना मामलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इसके साथ, संक्रमण की संख्या 15,68,896 हो गई है. इस बीच, शहर में लगातार दूसरे दिन 17 लोगों की मौत हुई है, जिससे मरने वालों की संख्या 25,177 हो गई है.