नेशनल हेराल्ड केस में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की परेशानी बढ़ सकती है। दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफ़ेन्सेज़ विंग (EOW) ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए उनके वित्तीय लेन-देन का पूरा विवरण मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि डी.के. शिवकुमार के पास नेशनल हेराल्ड मामले की उन जानकारियों का भी संज्ञान है जो कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी से जुड़े आरोपों से संबंधित हैं। EOW ने उनसे सभी संबंधित दस्तावेज और रिकॉर्ड प्रस्तुत करने को कहा है।

दिल्ली पुलिस ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को 29 नवंबर को ही नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में इकोनॉमिक ऑफ़ेन्सेज़ विंग (EOW) ने उनसे न केवल उनके व्यक्तिगत बैकग्राउंड और कांग्रेस पार्टी से संबंधों की जानकारी मांगी है, बल्कि उनसे जुड़े प्रतिष्ठानों द्वारा यंग इंडियन को कथित तौर पर ट्रांसफ़र किए गए फंड्स का पूरा ब्योरा साझा करने को भी कहा है।

दिल्ली पुलिस द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि इकोनॉमिक ऑफ़ेन्सेज़ विंग (EOW) नेशनल हेराल्ड मामले की जांच कर रही है, और ऐसा माना जाता है कि डी.के. शिवकुमार के पास इस केस से जुड़ी महत्वपूर्ण व प्रासंगिक जानकारी मौजूद है। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि मामले से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उन्हें यह नोटिस भेजा गया है।

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्हें राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। उनका आरोप है कि डीके ने बीजेपी के दबाव में आने से इनकार किया, जिसके बाद उन्हें टार्गेट किया जाने लगा। करीबी सहयोगियों का दावा है कि कांग्रेस में रहते हुए डीके शिवकुमार उन नेताओं में से हैं जिन्होंने सबसे अधिक राजनीतिक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया है। इसके बावजूद, उनके मुताबिक, बीजेपी उन्हें कभी भी तोड़ने में सफल नहीं हो पाएगी।

ईओडब्ल्यू ने डीके से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि बैंक ट्रांसफर का उद्देश्य क्या था, इन फंड्स का स्रोत कहाँ से आया था और उनके तथा यंग इंडियन या एआईसीसी के किसी अधिकारी के बीच हुई बातचीत का पूरा विवरण क्या है। इसके अलावा, ईओडब्ल्यू ने यह भी पूछा है कि क्या ये भुगतान किसी के निर्देश पर किए गए थे और क्या डीके को फंड्स के उपयोग के बारे में जानकारी थी।

पुलिस डीके शिवकुमार से उनका व्यक्तिगत बैकग्राउंड, कांग्रेस पार्टी से जुड़ाव तथा ‘यंग इंडियन’ या उससे संबंधित संस्थाओं के माध्यम से हुए कथित फंड ट्रांसफर का पूरा विवरण मांग रही है। डिप्टी सीएम के करीबी सूत्रों का कहना है कि डीके शिवकुमार को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे बीजेपी के साथ तालमेल बैठाने के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, यह स्थिति संकेत देती है कि डीके शिवकुमार उन कांग्रेस नेताओं में शामिल हैं जो बीजेपी में शामिल न होने की भारी कीमत चुका रहे हैं। उनका दावा है कि शिवकुमार पार्टी के सबसे अधिक प्रताड़ित नेताओं में से एक हैं, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी उन्हें कभी अपने पक्ष में करने में सफल नहीं हो पाएगी।

डीके शिवकुमार से नोटिस में कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए हैं। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उनसे बैंक ट्रांसफर के उद्देश्य, फंड के स्रोत, तथा ‘यंग इंडियन’ या ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के पदाधिकारियों के साथ हुई किसी भी बातचीत या पत्राचार का पूरा विवरण मांगा है। इसके अलावा EOW ने भुगतान से जुड़े आयकर रिकॉर्ड, वित्तीय दस्तावेज़ और किसी भी दान प्रमाण-पत्र की प्रतियां उपलब्ध कराने को भी कहा है।

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