नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों का विरोध शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है और वे उनसे बातचीत कर रहे हैं.
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) गौरव शर्मा ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल परिसर में ही विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है. फिलहाल हम उनसे बातचीत कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल से स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यालय की ओर मार्च शुरू किया था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें मार्च जारी नहीं रखने दिया. डीसीपी ने आगे कहा कि दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों को शांतिपूर्ण तरीके से अपना धरना जारी रखने को कहा है.

पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को रोका, NEET पीजी काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी का डॉक्टर कर रहे विरोध

 

डीसीपी गौरव शर्मा ने कहा कि उन्हें बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से अस्पताल परिसर में बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर भी उनका सहयोग कर रहे हैं. डॉक्टर इस समय सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर धरना दे रहे हैं और सभी आपातकालीन सेवाएं कुछ देर के लिए बाधित रहीं. यहां तक कि आक्रोशित चिकित्सकों ने एंबुलेंस सेवा को भी बाधित कर दिया. नई रिपोर्टों के अनुसार, अस्पताल में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं फिर से शुरू कर दी गई हैं और वरिष्ठ डॉक्टरों ने रोगियों की देखभाल शुरू कर दी है.

दिल्ली में येलो अलर्ट जारी, सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया ऐलान, बढ़ते कोरोना मामलों के बीच आगे और सख्त होंगे प्रतिबंध

 

इससे पहले सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ विरोध मार्च निकाला, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. चूंकि डॉक्टरों को अपना मार्च जारी रखने की अनुमति नहीं थी, इसलिए उन्होंने विरोध दर्ज करने के लिए सड़क पर अपना एप्रॉन सरेंडर कर दिया. डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत तक मार्च के दौरान उनकी पिटाई की गई और उन्हें घसीटा गया. अतिरिक्त डीसीपी (मध्य जिला) रोहित मीणा ने बताया कि उन्होंने सोमवार को कुछ समय के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया था.
देश भर के आरडीए 27 नवंबर से नीट पीजी काउंसलिंग 2021 को कई बार स्थगित करने और उसके बाद मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों के नए बैच के प्रवेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.