देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान जारी है। दक्षिण-पूर्वी जिले की बांग्लादेशी सेल ने 28 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार, ये सभी बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में रह रहे थे। इन सभी को दिल्ली के विभिन्न इलाकों से पकड़ा गया है। अब इन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वापस उनके देश भेजने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि अभियान के तहत ऐसे विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है जो बिना वीजा या पासपोर्ट के भारत में रह रहे हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई राजधानी को सुरक्षित रखने और अवैध रूप से बसे विदेशी तत्वों पर नियंत्रण के व्यापक अभियान का हिस्सा है। आने वाले दिनों में अन्य इलाकों में भी इस तरह की छापेमारी की जाएगी।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
दक्षिण-पूर्वी जिले की बांग्लादेशी सेल ने बड़ी कार्रवाई की है। सेल की एक समर्पित टीम ने 28 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया है। इस अभियान का नेतृत्व एसआई कवलजीत और एएसआई बृजेश कर रहे थे। टीम में एचसी वेदप्रकाश, एचसी अरुण, एचसी मोहित, एचसी राजेश और डब्ल्यू/एचसी ज्योति बंसल शामिल थे। टीम ने इन अवैध प्रवासियों की धरपकड़ के लिए जमीनी स्तर पर फील्ड इंटेलिजेंस, मुखबिर नेटवर्क और स्थानीय पूछताछ का सहारा लिया। जिन झुग्गियों, श्रमिक शिविरों और अवैध कॉलोनियों में बांग्लादेशी नागरिकों के छिपे होने की आशंका थी, वहां रैंडम वैरिफिकेशन अभियान चलाया गया। यह सघन जांच कार्रवाई सख्त निगरानी में की गई, जिसके बाद दिल्ली के विभिन्न इलाकों से 28 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया।
पश्चिम बंगाल की इस सीमा से हुए थे दाखिल
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये सभी कई अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ पश्चिम बंगाल की खुलना सीमा के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इनमें से किसी के पास न तो वैध यात्रा दस्तावेज थे और न ही निवास से संबंधित कोई अनुमति। गिरफ्तार किए गए सभी 28 लोगों को अब अस्थायी हिरासत केंद्र (Temporary Detention Centre) में रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन्हें निर्वासित (Deportation) करने की कानूनी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है।
बांग्लादेशी सेल के अनुसार, अब तक कुल 235 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को देश से वापस भेजा जा चुका है, जबकि हाल ही में पकड़े गए इन 28 प्रवासियों के निर्वासन की प्रक्रिया जारी है। पुलिस का कहना है कि राजधानी में इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।
शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि ये ज्यादातर अकुशल मजदूर थे। इनमें से कई लोग कबाड़ बीनने, खेतों में मजदूरी या अन्य छोटे-मोटे दिहाड़ी कामों में लगे हुए थे। पुलिस ने बताया कि किसी भी व्यक्ति के पास भारत में रहने के लिए वैध दस्तावेज या अनुमति नहीं थी। इन लोगों को अस्थायी हिरासत केंद्र में रखा गया है और उन्हें निर्वासित (Deportation) करने की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
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