राजधानी दिल्ली ने गुरुवार को लगातार दसवें दिन प्रदूषित हवा में सांस ली। इस सीजन की शुरुआत 14 अक्तूबर को वायु गुणवत्ता के खराब श्रेणी में पहुंचने से हुई थी, जिसके बाद से प्रदूषण का स्तर लगातार खराब या बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। हालांकि, गुरुवार को हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार दर्ज किया गया, लेकिन स्थिति अभी भी बेहद खराब श्रेणी से बाहर नहीं निकल पाई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस साल दिल्ली में मई और जून के महीनों में पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता के चलते सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। इसके बाद मानसून के महीनों जुलाई, अगस्त और सितंबर में भी औसत से ज्यादा वर्षा हुई। अच्छी बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई और हवा पहले की तुलना में काफी हद तक साफ रही।
अक्तूबर के पहले दस दिनों में अच्छी बारिश के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी रही थी। लेकिन 14 अक्तूबर से हालात बिगड़ने शुरू हुए, और तब से अब तक राजधानी एक भी दिन साफ हवा नहीं देख पाई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बीते दस दिनों में छह दिन दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में रही, जबकि चार दिन बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। गुरुवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 305 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। हालांकि, बुधवार की तुलना में इसमें कुछ सुधार हुआ है बुधवार को AQI 353 दर्ज किया गया था, यानी 24 घंटे में 48 अंकों का सुधार हुआ। इसके बावजूद हवा की गुणवत्ता अब भी खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। दिल्ली के आनंद विहार इलाके में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया, जहां गुरुवार शाम 4 बजे AQI 413 तक पहुंच गया यह स्तर गंभीर श्रेणी में आता है।
अभी खराब श्रेणी में ही रहेगी हवा
राजधानी दिल्ली की हवा में मामूली सुधार के बावजूद फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग और वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली (SAFAR) के अनुमान के अनुसार, अगले छह दिनों तक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है। बुधवार की तुलना में गुरुवार को हवा की गति में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई। अलग-अलग दिशाओं से आने वाली हवाओं की रफ्तार 12 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही, जिससे प्रदूषक कणों का विसर्जन पहले की तुलना में कुछ तेज हुआ। हालांकि, यह सुधार इतना पर्याप्त नहीं है कि राजधानी को प्रदूषण से राहत मिल सके।
दिल्ली में हवा बेहद खराब स्तर पर
24 अक्टूबर की सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्षरधाम और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 403 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। दिल्ली के अन्य कई इलाकों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं. शादीपुर: AQI 306, पंजाबी बाग: 313, वजीरपुर: 337, जहांगीरपुरी: 350, रोहिणी: 319, इन सभी इलाकों की हवा ‘बेहद खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है। वहीं, नोएडा के कई हिस्सों में AQI 270 से 290 के बीच बना हुआ है, जो ‘खराब श्रेणी’ में आता है। CPCB के अनुसार, 23 अक्टूबर को दिल्ली का औसत AQI 305 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में गिना जाता है। इस दौरान आनंद विहार में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया, जहां AQI 410 तक पहुंच गया था।
देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 23 अक्टूबर को दिल्ली देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। इस दिन हरियाणा के बहादुरगढ़ में AQI 325 दर्ज किया गया, जो सबसे अधिक था। दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से 23 ने वायु गुणवत्ता को “बहुत खराब” श्रेणी में रिकॉर्ड किया। औसतन दिल्ली का AQI 305 रहा, जो लगातार दूसरे दिन बेहद खराब स्तर पर बना रहा। हालांकि, एनसीआर के अन्य शहरों गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में स्थिति कुछ बेहतर रही, जहां औसत AQI 200 के आसपास दर्ज किया गया। यह स्तर “खराब” श्रेणी में आता है, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
पटाखे, पराली और मौसम जिम्मेदार!
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की हवा को दूषित करने में अब आसपास के राज्यों में जल रही पराली और हालिया आतिशबाजी भी बड़ी भूमिका निभा रही है। CPCB के मुताबिक, पंजाब में 69, हरियाणा में 3 और उत्तर प्रदेश में 44 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनसे उठने वाला धुआं दिल्ली की हवा में मिलकर प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा रहा है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि 24 अक्टूबर की सुबह धुंध (ह्यूमिड स्मॉग) बनी रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली का अधिकतम तापमान लगभग 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
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