दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में बुधवार सुबह एक शख्स ने शादी की सालगिरह पर अपने सेवानिवृत्त सेना अधिकारी पिता, मां और बहन की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी. शर्मनाक वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी अर्जुन मॉर्निंग वॉक पर निकल गया, कुछ देर बाद लौटकर पुलिस को सूचित किया और परिजनों की हत्या करने का झूठा नाटक करते हुए शोर मचाया. पुलिस को शक हुआ और सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपराध कबूल लिया.

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अर्जुन ने बताया कि उसके पिता के साथ उसके संबंध अच्छे नहीं थे; वे उसे बॉक्सिंग खेलने के लिए प्रेरित करते थे और उसे पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए दबाव डालते थे. एक दिन उसके पिता ने उसे सभी के सामने मारपीट कर दी, जिससे वह काफी गुस्से में था. बाद में उसे पता चला कि उसके पिता बहन को सारी संपत्ति देने वाले हैं, जिससे वह बेहोश हो गया और तीनों को बाहर निकालने का मन बनाया.

पुलिस ने बताया कि उसने जानबूझकर सालगिरह का दिन चुना जब उसे पता चला कि उसकी बहन उसकी सारी संपत्ति को अपने नाम कर रही है, तो उसने हत्या की साजिश रची, पहले अपने पिता का चाकू छिपाकर रख लिया, फिर यह निर्णय लिया कि तीनों को मार डालेगा जिस दिन शादी की सालगिरह होगी.

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उसने पूछताछ में बताया कि उसकी बहन ग्राउंड फ्लोर पर रहती थी, उसने पहले उसे मार डाला, फिर पहली मंजिल पर माता-पिता के कमरे में गया, जहां मां वॉशरूम में थी, इस बीच उसने पिता को मार डाला और अंत में मां को मार डाला. इसके बाद वह चुपचाप वहां से करीब साढ़े 5 बजे मॉर्निंग वॉक पर निकल गया, एक घंटे बाद वापस आया तो शोर मचाकर पड़ोसी बुला लिए.

पूछताछ में अर्जुन ने बताया कि सुबह करीब साढ़े पांच बजे घर के गेट पर ताला लगाकर मार्निंग वाक के लिए निकला था. वापस आकर देखा कि मां कोमल और बहन कविता का शव ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि पिता का शव पहली मंजिल पर था. राजेश के गले पर चुन्नी लिपटी हुई थी, जबकि कोमल और कविता का शव कंबल से ढका हुआ था. विशेष पुलिस आयुक्त मधुप तिवारी तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त एसके जैन और फोरेंसिक टीम ने हत्याकांड की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचा, उन्हें पहले ताला लगे होने का शक था.

मारे गए लोगों में 51 वर्षीय राजेश कुमार, उनकी पत्नी कोमल (46), उनकी बेटी कविता (23) शामिल हैं, जो मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव खेड़ी तलवाना से आते थे और पिछले 30 वर्षों से देवली गांव में चौपाल के पास अपनी पत्नी, बेटी और बेटे अर्जुन के साथ रहते थे. सेना में तैनाती के दौरान, राजेश कुमार एनएसजी कमांडो भी रहे. करीब सात साल पहले रिटायर्ड होने के बाद, वह एक उद्योगपति के सैनिक फार्म में पीएसओ थे, और उनकी बेटी कविता जूडो में ब्लैक बेल्ट थी.

विरोधाभासी बयान से पुलिस को शक हुआ

पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि फ्रेंडली एंट्री हुई थी; सीसीटीवी फुटेज भी देखा गया, लेकिन इस दौरान किसी बाहरी व्यक्ति को घर में आते-जाते नहीं देखा गया. बाद में पुलिस ने बेटे से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने कई विरोधाभासी बयान दिए. पुलिस को शक हुआ और उसने अंततः स्वीकार कर लिया कि वह ही वारदात को अंजाम दिया है.

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