दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव इस साल 18 सितंबर को होंगे और नतीजे 19 सितंबर को घोषित किए जाएंगे. छात्र राजनीति को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में आम आदमी पार्टी (AAP) की युवा शाखा ने एक नई पहल शुरू की है. AAP की युवा इकाई ‘एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स’ (ASAP) ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह ऐसे छात्रों को समर्थन देगी, जो चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं. संगठन ने बताया कि 15 से 25 अगस्त तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और चयन प्रक्रिया पूरी तरह योग्यता और नेतृत्व क्षमता पर आधारित होगी.

सौरभ भारद्वाज का बयान

AAP दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, “अगर किसी छात्र में क्षमता है, लेकिन उसके पास पर्याप्त पैसा नहीं है, तो हम पूरी तरह से योग्यता के आधार पर उसका समर्थन करेंगे. यह एक आदर्श राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत है, जिससे फिल्मों के मुफ्त टिकट और भव्य पार्टियों के कारण छात्रों के आदर्शवाद को नुकसान नहीं पहुंचेगा. अब चुनाव केवल पैसों या बाहुबल से नहीं, बल्कि छात्र की योग्यता और नेतृत्व क्षमता से तय होंगे.”

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वहीं AAP विधायक संजीव झा ने कहा, “चुनाव का आधार कार या नकदी नहीं होना चाहिए, बल्कि नेतृत्व क्षमता, वाकपटुता और योग्यता होनी चाहिए. स्वच्छ राजनीति की शुरुआत कॉलेज स्तर से ही करनी होगी. आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को भी बराबरी का अवसर मिलना चाहिए.”

योजना की मुख्य बातें

आवेदन तिथि: 15 से 25 अगस्त

चयन प्रक्रिया: योग्यता और नेतृत्व क्षमता के आधार पर

योग्य पाए गए छात्रों को चुनाव लड़ने में सहायता दी जाएगी

उद्देश्य: आर्थिक बाधाओं के कारण किसी भी छात्र का राजनीतिक सपना अधूरा न रह जाए

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संभावित असर

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि AAP की यह पहल कैंपस की राजनीति में पैसे और बाहुबल के प्रभाव को कम कर सकती है और चुनावी मुद्दों को छात्रों की असली जरूरतों की ओर मोड़ सकती है. लंबे समय में यह मॉडल अन्य विश्वविद्यालयों में भी लागू किया जा सकता है.

DUSU चुनावों को राष्ट्रीय राजनीति का ट्रेनिंग ग्राउंड माना जाता है और यहाँ से कई बड़े नेता निकले हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि AAP की यह नई पहल चुनावी समीकरणों को कितना प्रभावित करती है.