दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने पत्र लिखकर दो अनुरोध किए हैं. पहली मांग है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की दिल्ली सरकार द्वारा 12 कॉलेजों में शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देना. वहीं, दूसरी आवश्यकता है शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत. DUTA के अनुसार, इन बारह दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित कॉलेजों में दिसंबर महीने का वेतन नहीं आया है.
अरविंद केजरीवाल ने PM मोदी से पूछा था काम का हिसाब, अमित शाह ने गिना दिया,कहा- मैं पूरा हिसाब..
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वेतन के लिए चौथी तिमाही का बजट देने की मांग की है. संघ पिछले कई साल से दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित बारह कॉलेजों में नियमित और पर्याप्त अनुदान की मांग कर रहा है.
दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित बारह कॉलेजों में अनियमित और कम अनुदान के कारण शिक्षक और कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, और अन्य भत्तों के भुगतान भी बाकी हैं.
भाजपा ने जारी की 29 उम्मीदवारों की लिस्ट; केजरीवाल के खिलाफ प्रवेश और आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी…
185 करोड़ रुपये का घाटा
डूटा ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर 285 करोड़ रुपये की चौथी तिमाही की ग्रांट की मांग की है, जिसमें 100 करोड़ रुपये (पहले ही दिल्ली सरकार द्वारा पारित चौथी तिमाही का बजट) और 185 करोड़ रुपये का अब तक का घाटा शामिल है. डूटा का कहना है कि इस धन का उपयोग दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित बारह कॉलेजों के कर्मचारियों के वेतन के लिए किया जाएगा, साथ ही बकाया राशि का भुगतान भी किया जाएगा.
डूटा अध्यक्ष प्रो. एके भागी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा वित्तपोषित 12 विश्वविद्यालयों में पहले ही यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेजों में अभी तक धन की कमी के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. डूटा के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा कि दिल्ली सरकार इन बारह दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों को पर्याप्त धन नहीं दे रही है, जिससे दिसंबर का वेतन इन सभी कॉलेजों में नहीं दिया गया है.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक