Delhi Election Campaign Ends: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर थम गया है। अब प्रत्याशी डोर टू डोर जनसंपर्क कर सकेंगे। इससे पहले राजनीतिक दलों ने कई रैलियां और जनसभाएं की। सियासी पार्टियों ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पूरी ताकत झोंक दी। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। वहीं 8 फरवरी को दिल्ली चुनाव के नतीजे जारी होंगे।

दिल्ली में सियासी पार्टियों की कई दिन से चल रही तमाम रैलियों और जनसभाओं के बाद तीन फरवरी शाम पांच बजे चुनावी प्रचार थम गया है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज ने जोर शोर से प्रचार किया। रैलियां और जनसभाएं कर पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट की अपील की। इस दौरान नेताओं ने अपनी अपनी पार्टी और उम्मीदवारों की जीत का दावा भी किया।

ये भी पढ़ें: ‘छोटे मियां-बड़े मियां ने दिल्लीवालों को ठगा’ जंगपुरा में अमित शाह का सिसोदिया-केजरीवाल पर करारा प्रहार, ‘यमुना रिवर फ्रंट’ बनाने की कही बात

70 सीटों पर 699 उम्मीदवार, सबसे ज्यादा और सबसे कम यहां

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 699 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। इनमें सबसे ज्यादा कैंडिडेट नई दिल्ली विधानसभा सीट पर है। इस सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक व पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा और कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को टिकट दिया है। नई दिल्ली सीट से कुल 23 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे है। वहीं सबसे कम पटेल नगर और कस्तूरबा नगर में है, इन दोनों सीटों पर 5-5 उम्मीदवार मैदान में है।

डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाता वोटिंग के लिए पात्र

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, 1.56 करोड़ मतदाता 5 फरवरी को 13,766 मतदान केंद्रों पर मतदान करने के पात्र हैं। इनमें 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं और 1,267 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं। मतदान को सुलभ बनाने के प्रयास में, विकलांग व्यक्तियों के लिए 733 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग लोगों के लिए घर पर मतदान सुविधा के तहत, 7,553 पात्र मतदाताओं में से 6,980 पहले ही वोटिंग कर चुके हैं। 24 जनवरी से शुरू हुई यह सेवा 4 फरवरी तक जारी रहेगी।

ये भी पढ़ें: ‘डबल इंजन सभी को कुचल देगा’ दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल बोले- इस बार लोगों के पास 2 विकल्प, शरीफों की पार्टी या गुंडागर्दी…

राजधानी की सत्ता, किसका खुलेगा पत्ता ?

गौरतलब है कि साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 2015 विधानसभा चुनाव में आप ने 67 सीटें तो बीजेपी ने 3 सीटों पर कब्जा जमाया था। कांग्रेस इन दोनों चुनावों में अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी। इस बार के चुनाव में भाजपा का दावा है कि वो सरकार बना रही है। वहीं आम आदमी पार्टी फिर से सरकार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इधर, कांग्रेस को उम्मीद है कि वो इस बार के चुनाव में किंगमेकर बनेगी। आपको बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को वोटिंग होगी। वहीं 8 फरवरी को नतीजे जारी किए जाएंगे।