राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को मौसम की गर्मी और नरमी का मिश्रण देखने को मिला. दिन के समय तेज धूप ने लोगों को परेशान किया, जब तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया, जो इस सीजन का सबसे गर्म दिन था. हालांकि, शाम होते-होते मौसम ने अपना रंग बदला और दिल्ली के कई हिस्सों में तेज हवा के साथ हल्की बारिश या बूंदाबांदी हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई और पिछले दो दिनों से छाई धूल भी साफ हो गई.
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मौसम विभाग ने शनिवार को गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है. आज अधिकतम तापमान 41 से 43 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभावना है. इस स्थिति के मद्देनजर आईएमडी ने येलो अलर्ट जारी किया है.
दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में शुक्रवार की सुबह से तेज धूप का आगाज हुआ. जैसे-जैसे दिन बढ़ा, धूप की तीव्रता भी बढ़ती गई. दोपहर के समय गर्म हवाओं के झोंकों ने लोगों के लिए कठिनाइयाँ उत्पन्न कर दीं.
दिल्ली के सफदरजंग मौसम केन्द्र में दिन का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस अधिक है. यह इस मौसम का सबसे गर्म दिन है, जबकि इससे पहले 26 अप्रैल को तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस रहा था. वहीं, न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 0.3 डिग्री सेल्सियस कम है. इस दौरान आर्द्रता का स्तर 75 से 22 प्रतिशत के बीच रहा.
दिनभर की झुलसाने वाली गर्मी के बाद, शाम 4 बजे के बाद मौसम में परिवर्तन देखने को मिला. दिल्ली के कई क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही शुरू हुई और कुछ ही समय में घने बादल छा गए. इस दौरान तेज हवा के साथ हल्की बारिश या बूंदाबांदी भी हुई. दिल्ली के आयानगर में सबसे अधिक 7.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई.
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आस-पास हवा में एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हुआ है, जो अब उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा है. इसके साथ ही, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से उत्तरी बांग्लादेश तक एक हवा के कम दबाव की रेखा भी मौजूद है. हरियाणा में, समुद्र की सतह से लगभग 0.9 किलोमीटर ऊँचाई पर एक और चक्रवाती सर्कुलेशन सक्रिय है. इन तीनों मौसमी गतिविधियों के परिणामस्वरूप तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं.
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू कर दिया गया है. केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने शुक्रवार शाम को इस संबंध में निर्देश जारी किए. इस पहले चरण में मुख्य रूप से प्रदूषण की रोकथाम के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने और पानी का छिड़काव करने जैसे उपाय शामिल हैं.
यहां की हवा सबसे खराब
मुंडका :- 402
ग्रैप -1 के ये प्रतिबंध लागू
निर्माण और विध्वंस स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों का पालन करना अनिवार्य है.
सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव करना आवश्यक है ताकि धूल के स्तर को नियंत्रित किया जा सके.
खुले में जैविक कचरा या ठोस अपशिष्ट जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है.
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सीपीसीबी के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच इसे ‘संतोषजनक’ कहा जाता है. 101 से 200 के बीच का एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है, 201 से 300 के बीच इसे ‘खराब’ माना जाता है. 301 से 400 के बीच का एक्यूआई ‘बहुत खराब’ है, और 401 से 500 के बीच इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है.
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