राजधानी में मंगलवार दोपहर के बाद हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण में कुछ कमी दर्ज की गई। लगातार तीन दिनों तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से ऊपर रहने के बाद मंगलवार को यह घटकर 291 पर आ गया। हालांकि स्थिति में हल्का सुधार हुआ है, परंतु शहर की वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले सप्ताह तक हवा की रफ्तार कम रहने, सुबह-शाम हल्का कोहरा छाने और तापमान में गिरावट के कारण वर्तमान वायु गुणवत्ता में विशेष सुधार की संभावना नहीं है।

मंगलवार को राजधानी में दक्षिण-पूर्वी दिशा से चली हवाओं की गति दिन भर में 5 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रही। सुबह 8 बजे कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया, हालांकि शाम 4 बजे तक इसमें कुछ सुधार दिखाई दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह के समय तापमान कम होने के कारण प्रदूषक कण जमीन के नजदीक जमा हो जाते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।

सुबह 5:30 से 11:30 बजे तक दक्षिण-पूर्वी हवाओं की गति मात्र 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जिसके कारण प्रदूषक कणों का फैलाव नहीं हो पाया। हालांकि, दोपहर 11:30 बजे के बाद से शाम 5:30 बजे के बीच हवा की रफ्तार बढ़कर 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। इससे प्रदूषक तत्व तेजी से बिखरे और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की गति में यह परिवर्तन ही प्रदूषण स्तर कम होने की मुख्य वजह रहा।

सुबह चार इलाकों में एक्यूआई 400 के पार

सफर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। चार निगरानी केंद्रों पर एक्यूआई 400 से अधिक रहा, जिनमें अलीपुर में 421, वजीरपुर में 407, बवाना में 402 और आनंद विहार में 412 अंक रिकॉर्ड किया गया। यह स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, 17 निगरानी केंद्रों पर एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया।

हालांकि शाम होते-होते हवा की रफ्तार बढ़ने से स्थिति में आंशिक सुधार देखा गया और शाम 4 बजे तक किसी भी स्थान पर एक्यूआई 400 के पार नहीं पाया गया। मंगलवार को दिनभर, खासतौर पर सुबह और शाम के समय, प्रदूषण और स्मॉग की हल्की परत दिखाई दी। सुबह दृश्यता भी कम रही, लेकिन दोपहर बाद मौसम अपेक्षाकृत साफ हो गया।

मानकों से ढाई गुना अधिक

दिल्ली-एनसीआर की हवा में इस समय प्रदूषक कणों की मात्रा मानकों से ढाई गुना से अधिक बनी हुई है। मानकों के अनुसार हवा में पीएम 10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम होने पर वायु गुणवत्ता को स्वास्थ्यकारी माना जाता है। इसके विपरीत, मंगलवार दोपहर 2 बजे दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर 269 और पीएम 2.5 का स्तर 132 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो सुरक्षित सीमा से काफी अधिक है।

शुक्रवार के बाद से ‘डिसिजन सपोर्ट सिस्टम’ द्वारा जारी किए जाने वाले वे आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जो दिल्ली के पीएम 2.5 स्तर में विभिन्न स्रोतों के योगदान का अनुमान बताते हैं। इस वर्ष 1 और 2 नवंबर के डेटा भी दर्ज नहीं किए गए हैं।

पराली जलाने के मामलों में कमी

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में कमी दर्ज की गई है। 15 सितंबर से 3 नवंबर के बीच पंजाब में 2,518 मामले सामने आए, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 4,132 थी। हरियाणा में इस अवधि में 145 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले वर्ष 857 मामले रिपोर्ट हुए थे। पंजाब में पराली जलाने को लेकर 946 एफआईआर दर्ज की गईं, वहीं हरियाणा में 42 एफआईआर दर्ज हुईं।

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता केवल पराली जलाने से प्रभावित नहीं होती। वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, सड़क की धूल और जनरेटरों से उत्सर्जित धुआं भी प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले सप्ताह दिल्ली में सुबह और शाम के समय ठंडी हवा के साथ हल्का कोहरा छाया रह सकता है। हवा की गति में उतार-चढ़ाव के चलते AQI में कभी सुधार तो कभी गिरावट देखने को मिलेगी। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए कहा जा सकता है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ दिनों तक “खराब” से “बहुत खराब” श्रेणी के बीच बनी रह सकती है।

दिल्ली आने वाली आठ उड़ानें जयपुर भेजी गईं

दिल्ली में मंगलवार शाम हवा के रुख में अचानक आए बदलाव के कारण हवाई अड्डे पर आने वाली आठ उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। तेज पूर्वी हवाओं की वजह से इन उड़ानों को जयपुर की ओर मोड़ा गया। डायवर्ट की गई उड़ानों में इंडिगो, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें शामिल थीं। इंडिगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर रात 8 बजकर 11 मिनट पर जारी बयान में इसकी पुष्टि की। अधिकारियों के अनुसार, मौसम में सुधार होने पर उड़ान संचालन सामान्य रूप से बहाल कर दिया गया।

2 से 3 दिन आसमान साफ रहने की संभावना

राजधानी में अगले दो से तीन दिनों तक आसमान साफ रहने की संभावना है। हालांकि, सुबह के समय धुंध और हल्का कुहासा छाया रह सकता है। फिलहाल दिल्ली में दक्षिण-पूर्वी हवाएँ चल रही हैं, लेकिन बुधवार शाम से इनके उत्तर-पश्चिमी होने की उम्मीद है। हवा की दिशा में यह बदलाव कुछ दिनों तक जारी रह सकता है, जिससे आसमान साफ रहेगा और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है।

मंगलवार को दिल्ली के कई इलाकों में सुबह हल्की धुंध और आंशिक बादल छाए रहे, जबकि कुछ स्थानों पर हल्की धूप भी निकली। इसके चलते तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से 1.6 डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक रहा।

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