राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने वाली बड़ी परियोजना को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। मयूर विहार से सराय काले खां के बीच बन रहे बारापुला फेज-3 एलिवेटेड कॉरिडोर के अंतिम चरण में आ रही बाधा दूर हो गई है। सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) द्वारा गठित केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) ने कॉरिडोर के रास्ते में आने वाले पेड़ों की कटाई की अनुमति दे दी है। करीब 10 साल से अटका यह प्रोजेक्ट अब अगले एक साल में पूरा कर लिया जाएगा। इसके चालू होने के बाद मयूर विहार से एम्स और आईएनए तक का सफर सिग्नल फ्री हो जाएगा। साथ ही NH-24 और सराय काले खां जैसे व्यस्त मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव भी काफी हद तक कम होगा।

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कॉरिडोर मयूर विहार से सराय काले खां के बीच करीब 3.5 किलोमीटर लंबा होगा और यमुना नदी के ऊपर से होकर गुजरेगा। अब तक परियोजना का 89% काम पूरा हो चुका है, लेकिन यमुना डूब क्षेत्र में लगभग 800 मीटर हिस्से पर पेड़ों की कटाई की मंजूरी न मिलने के कारण काम अटका हुआ था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) ने पेड़ हटाने की अनुमति दे दी है, जिससे इस हिस्से का निर्माण भी शुरू हो सकेगा। यह कॉरिडोर पूरा होने पर एनएच-24 और सराय काले खां जैसे व्यस्त मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा और मयूर विहार से एम्स-आईएनए तक का सफर काफी आसान और सिग्नल फ्री हो जाएगा।

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333 पेड़ों के हटाने को लेकर सीईसी ने मंजूरी दी

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) ने परियोजना में बाधा बने पेड़ों को हटाने की अनुमति दे दी है। कुल 333 पेड़ों को लेकर मंजूरी मिली है, जिसे दो हिस्सों में विभाजित किया गया है:

  • सेंट्रल फॉरेस्ट डिविजन (155 पेड़)
    • 10 काटे जाएंगे
    • 34 का प्रत्यारोपण होगा
    • 111 सुरक्षित रहेंगे (जिनमें से 107 हल्की छंटाई के साथ)
  • साउथ फॉरेस्ट डिविजन (178 पेड़)
    • 75 काटे जाएंगे
    • 53 का प्रत्यारोपण होगा
    • 50 सुरक्षित रहेंगे (जिनमें से 13 हल्की छंटाई के साथ)

अधिकारियों का कहना है कि पेड़ों के संरक्षण और प्रत्यारोपण की प्रक्रिया नियमों के तहत की जाएगी ताकि पर्यावरण पर न्यूनतम असर पड़े।

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देरी के चलते बढ़ी लागत

बारापुला फेज-3 कॉरिडोर की लागत अब काफी बढ़ चुकी है। शुरुआत में इसकी अनुमानित लागत 964 करोड़ रुपये थी, लेकिन परियोजना में देरी और अन्य अड़चनों के चलते यह अब बढ़कर लगभग 1330 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पेड़ों की कटाई को मंजूरी मिलने के बाद अब इस परियोजना में कोई बड़ी रुकावट नहीं है। उन्होंने आश्वस्त किया कि “हम तेजी से काम करेंगे और अगले एक साल में यह कॉरिडोर दिल्लीवासियों को समर्पित कर दिया जाएगा।”

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इन सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा

यह कॉरिडोर शुरू होने के बाद एनएच-24, डीएनडी फ्लाईवे और रिंग रोड पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम करेगा। साथ ही सराय काले खां मल्टी-मॉडल हब—जहां एनसीआरटीसी, रेलवे, आईएसबीटी, मेट्रो और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे आपस में जुड़े हैं—की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। परियोजना के शुरू होने के बाद पर्यावरण को भी लाभ होगा। अनुमान है कि इसके संचालन से प्रतिदिन करीब दो टन कार्बन उत्सर्जन घटेगा, जो लगभग 30,000 पेड़ों के बराबर है।

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