दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने आम आदमी पार्टी की सरकार को आशा वर्कर्स के वर्तमान भत्ते को 3,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की सलाह दी है. एलजी ने इस सलाह के साथ कहा कि यह कदम उठाया गया है क्योंकि उनका भत्ता हर 3 वर्ष में बढ़ाया जाना चाहिए था, इसके बावजूद 2018 में उनके भत्ते में अंतिम बढ़ोतरी हुई थी. इसके अलावा LG ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों का वेतन जारी किया जाए.

एलजी ने राज निवास में आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी वर्कर्स के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और बातचीत के बाद उपराज्यपाल से इसकी जानकारी दी गई. प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से बताया कि आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों के वेतन में 2018 से कोई बदलाव नहीं हुआ है, और पिछले सात महीनों में उन्हें भुगतान नहीं किया गया है, जिससे वे कई समस्याओं से गुजर रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से इस दौरान सहायता की मांग की.

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इस प्रतिनिधि मंडल ने उपराज्यपाल से मदद की अपील की क्योंकि गैर-चिकित्सा स्वास्थ्य कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करते हैं और बढ़ती महंगाई के बावजूद कम भुगतान मिलता है. उनका कहना था कि इस मुद्दे पर सरकार से बार-बार कहने के बाद भी सरकार नहीं सुन रही है. 2018 में उनका भत्ता बदल गया था, तब कैबिनेट ने फैसला किया था कि यह हर तीन साल में बदलना चाहिए था.

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आशा-आंगनवाड़ी वर्कर्स ने लगाई मदद की गुहार

आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी वर्कर्स के प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की और उनकी सहायता की मांग की. उपराज्यपाल ने उन्हें बताया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे स्थानांतरित विषयों से संबंधित हैं, जो आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. किंतु उपराज्यपाल ने कहा कि वे उनसे पूरी तरह सहानुभूति रखते हैं और उनकी मांगें सही हैं, और वह सरकार को उनकी मदद करने की सलाह देंगे.