दिल्ली के निवासियों को आज 10 अप्रैल से आयुष्मान कार्ड(Ayushman Card) प्रदान किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(CM rekha Gupta) ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों को ये कार्ड वितरित किए. जल्द ही ऑनलाइन माध्यम से भी आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा उपलब्ध होगी. दिल्ली में इस योजना के तहत पहले उन व्यक्तियों को कार्ड जारी किया जाएगा, जिनके पास अंत्योदय अन्न योजना (AAY) का कार्ड है. दिल्ली में लगभग 68,000 AAY कार्डधारक होने का अनुमान है. इन कार्डधारकों को सबसे पहले आयुष्मान कार्ड प्रदान किया जाएगा. दिल्ली में दो प्रकार के कार्ड बनाए जाते हैं: PR (गरीबी रेखा से नीचे वाले) और AAY (गरीबी के सबसे निचले स्तर पर रहने वाले). कुल मिलाकर दिल्ली में 1,56,800 अंत्योदय कार्ड की स्वीकृति है, लेकिन वर्तमान में केवल 68,000 AAY कार्ड ही मौजूद हैं. इसके अतिरिक्त, 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को भी आयुष्मान वय वंदना कार्ड मिलने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

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आयुष्मान योजना के अंतर्गत दिल्ली में 10 लाख रुपये तक का चिकित्सा उपचार संभव है. 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज मिल सकता है. हालांकि, आयुष्मान कार्ड का होना यह सुनिश्चित नहीं करता कि अस्पताल में जाकर तुरंत इलाज किया जा सके. अन्य स्वास्थ्य बीमा की तरह, आयुष्मान कार्ड से उपचार के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है. अस्पताल और मरीज दोनों को कुछ नियमों का पालन करना होता है, जैसे कि वर्तमान में ओपीडी के लिए यह कार्ड मान्य नहीं है, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है. अस्पताल में उपचार के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की जानकारी हम विस्तार से प्रदान कर रहे हैं.

सबसे पहले पैकेज चुनें

आपको जिस बीमारी का उपचार कराना है, उसके लिए सबसे पहले आयुष्मान योजना के पैनल में शामिल अस्पताल का चयन करना होगा, जहां उस बीमारी का इलाज करने के लिए संबंधित विभाग उपलब्ध हो. अस्पताल केवल उन्हीं पैकेजों के लिए उपचार कर सकते हैं, जिनका विभाग आयुष्मान योजना के पैनल में शामिल है. अस्पताल में उपस्थित ऑपरेटर डॉक्टर आपकी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पैकेज को आपके लिए ब्लॉक कर सकते हैं. यह ध्यान रखना आवश्यक है कि एक समय में केवल या तो सर्जिकल या नॉन सर्जिकल पैकेज को ही ब्लॉक किया जा सकता है.

इस प्रक्रिया के दौरान सभी आवश्यक दस्तावेजों, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट भी शामिल है, को अपलोड करना आवश्यक होगा. इसलिए, मरीज को अपनी संपूर्ण मेडिकल रिपोर्ट, पहचान पत्र, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेजों की कॉपी अपने मोबाइल में सुरक्षित रखनी चाहिए. इसके अलावा, ABHA कार्ड का उपयोग भी किया जा सकता है, जिसमें मरीज अपनी मेडिकल रिपोर्ट को संचित कर सकता है, जिससे इलाज में सुविधा होगी.

यहां क्‍ल‍िक कर मोबाइल पर मिल जाएगी जानकारी

लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर SMS के माध्यम से सूचित किया जाएगा कि कौन-से पैकेज अवरुद्ध किए गए हैं. इसके साथ ही, एक रजिस्ट्रेशन स्लिप भी प्रिंट करके मरीज या उसके सहायक को प्रदान की जाएगी. यदि उपचार नहीं किया जाता है, तो डिस्चार्ज के बाद पैकेज को फिर से सक्रिय किया जा सकता है.

इलाज से पहले मंजूरी लेने की प्रक्रिया

STEPS PROCESS

STEP-1           स्पेशिलिटी चुनें, जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी

STEP-2           पैकेज का चयन करें, नाम या कोड से भी चुन सकते हैं

STEP-3           इलाज करने वाले डॉक्टर का नाम या कोड चुनें

STEP-4           स्ट्रैटीफिकेशन को चुनें (जैसे एनेस्थीसिया)

STEP-5           अगर जरूरी है तो इम्प्लांट चुने

STEP-6           जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करें

STEP-7           Pre-Authorization की रिक्वेस्ट को सबमिट कर दें

हालांकि, आपको इस प्रक्रिया को स्वयं करने की आवश्यकता नहीं होगी. अस्पताल या आयुष्मान मित्र आपकी सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे. सभी आवश्यक जानकारी अस्पताल द्वारा प्रदान की जाएगी. प्रत्येक प्रक्रिया के लिए ऑपरेटर को डॉक्टर की जानकारी, जैसे नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर, भरनी होगी, जो अस्पताल के डैशबोर्ड से प्राप्त की जा सकती है.

सभी बीमारियों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में नहीं

आयुष्मान योजना के अंतर्गत सभी पैकेज प्राइवेट अस्पतालों में लागू नहीं होंगे. कुछ पैकेज विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों के लिए निर्धारित हैं और इन्हें प्राइवेट अस्पतालों में केवल रेफरल के बाद ही लागू किया जा सकेगा. इसके अलावा, विभिन्न श्रेणियों के अस्पतालों के पैकेज की मूल्य सूची भी भिन्न हो सकती है.

इमरजेंसी में क्या होगा प्रोसेस

यदि किसी आपात स्थिति में आयुष्मान कार्ड की आवश्यकता होती है, तो अस्पताल में भर्ती होने के साथ ही बीमा कंपनी को आवश्यक दस्तावेज भेज दिए जाते हैं. सामान्यतः बीमा कंपनी की ओर से 6 घंटे के भीतर प्रतिक्रिया प्राप्त होती है. यदि इस समय सीमा से अधिक समय लगता है, तो इसे स्वीकृत मान लिया जाएगा. आपातकालीन स्थिति में आयुष्मान कार्ड धारक के मोबाइल पर तुरंत प्री-अथॉराइजेशन कोड भेजा जाएगा, जबकि अन्य प्रक्रियाएँ बाद में पूरी की जाएंगी.

अगर बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर दे तो

यदि बीमा कंपनी मरीज के उपचार के लिए भेजी गई अनुरोध को अस्वीकृत करती है, तो उसे अस्वीकृति का कारण बताया जाएगा. यदि आप इस निर्णय से असंतुष्ट हैं, तो आप इसके खिलाफ अपील कर सकते हैं.