दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जिसने लगभग 27 वर्षों के बाद दिल्ली की सत्ता में पुनः प्रवेश किया है. आज से दिल्ली विधानसभा का दूसरा सत्र आरंभ हो रहा है, और कल, यानी मंगलवार को, भाजपा सरकार अपना पहला बजट प्रस्तुत करने जा रही है. इस बजट से पहले, दिल्ली के निवासियों को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि बिजली मंत्री आशीष सूद ने बताया है कि भविष्य में दिल्ली में बिजली की दरों में वृद्धि होगी.

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आशीष सूद ने बताया कि पूर्व सरकार ने DERC के जरिए 27 हजार करोड़ रुपये के रेगुलेटरी एस्टेट का कर्ज डिस्कॉम पर छोड़ दिया है. इस कर्ज की वसूली के लिए कंपनियों को बिजली की दरें बढ़ाने की अनुमति दी गई है. पूर्व सरकार के कार्यकाल में ही उच्च न्यायालय के निर्देश पर DERC को टैरिफ ऑर्डर जारी करने के लिए कहा गया था. यह सरकार जनता के हितों की रक्षा करने में असफल रही.

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उन्होंने बताया कि भविष्य में बिजली के दामों में वृद्धि होने की संभावना है, और संभवतः कुछ लोग इस स्थिति का लाभ उठाना चाहते हैं ताकि अपनी राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध कर सकें. हालांकि, सरकार इस मुद्दे पर DERC के साथ बातचीत कर रही है और स्थिति का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर रही है. बिलों में वृद्धि से पहले ही बीजेपी ने इन कीमतों का दोष पूर्ववर्ती आप सरकार पर मढ़ दिया है.

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300 यूनिट बिजली भी नहीं मिली फ्री

बीजेपी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में दिल्ली के निवासियों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का आश्वासन दिया था, जो अब तक लागू नहीं हो पाया है. इस संबंध में भाजपा सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई गई है. इसी बीच, बिजली की कीमतों में वृद्धि की खबर ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है. हालांकि, सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है. ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या दिल्लीवासियों को इस मामले में राहत मिलती है या नहीं.