दिल्ली पुलिस(Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने पैरोल जम्पर और सीरियल किलर चंद्रकांत झा(Chandrkant Jha) को गिरफ्तार कर लिया है. चंद्रकांत ने तिहाड़ जेल(Tihad Jail) के आसपास कई हत्या की वारदातों को अंजाम दिया था. 2013 में आजीवन कारावास की सजा काटने के बाद चंद्रकांत झा को 2023 में 90 दिन की पैरोल मिली थी.  लेकिन वह पैरोल की अवधि पूरी होने पर भी जेल नहीं लौटा. चंद्रकांत झा का क्राइम रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है. जिसमें वह हत्या के बाद शव के टुकड़े करके तिहाड़ जेल के आसपास फेंके गए थे.

स्पेशल कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली पुलिस को कुछ समय पहले तिहाड़ जेल प्रशासन ने फरार आरोपियों की सूची दी थी, जिसमें सीरियल किलर चंद्रकांत झा का भी नाम था. 2006-07 के दौरान कई लोगों की हत्या कर उनकी सिर कटी लाशों को तिहाड़ जेल के बाहर फेंकता था और दिल्ली पुलिस को उसे पकड़ने की चुनौती भी देता था.

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अलीपुर क्षेत्र से पश्चिमी जिला पुलिस द्वारा 2007 में गिरफ्तार किया गया था. उसे तीन मामलों में फांसी और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. 2023 में वह तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर निकला, लेकिन फिर वापस नहीं लौटा. जेल प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे खोजना शुरू किया.

उसे शुक्रवार को एडिशनल कमिश्नर संजय सेन की देखरेख में एसीपी रमेश लंबा और इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल उसके छिपने के स्थानों और मददगारों की जानकारी जुटाई जा रही है.

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चंद्रकांत झा का क्राइम इतिहास अत्यंत खतरनाक और रहस्यमय रहा है. 1998 से 2007 के बीच पश्चिमी दिल्ली में उसने आठ लोगों की हत्या की, इस सिलसिले की शुरुआत 1998 में हुई थी. चंद्रकांत अपने शिकारों से पहले दोस्ती करता था, फिर उन्हें मार डालता था. वह बिहार और उत्तर प्रदेश से आए प्रवासी कर्मचारियों से दोस्ती करता था, उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने उलझाता था, फिर हत्या करता था. 2003 में शेखर और उमेश, 2005 में गुड्डू, 2006 में अमित और 2007 में उपेंद्र और दिलीप की हत्या की.

चंद्रकांत झा ने हत्या की वारदातों को अंजाम देने का भयावह तरीका था. हत्या के बाद, वह शवों को टुकड़े करता था और फिर उन्हें तिहाड़ जेल के आसपास फेंकता था. हर बार, वह शव के पास एक चिट्ठी छोड़ता था, जिसमें लिखा था: ‘मैंने हत्या की है, पकड़ सको तो पकड़ लो.’ यह क्रिमिनल पुलिस के लिए एक सिरदर्द बन गया. दिल्ली पुलिस, जो लंबे समय से इस खतरनाक अपराधी की तलाश में थी, चंद्रकांत झा की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता मानती है. चंद्रकांत झा के क्रूर कृत्य ने पुलिस को चुनौती दी है.

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फरवरी 2013 में चंद्रकांत झा को तीन हत्याओं के मामले में दोषी ठहराया गया था, और उसे मौत और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, 2016 में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. भारतीय प्रधानमंत्री: द बुचर ऑफ दिल्ली नामक एक डाक्यूमेंट्री चंद्रकांत झा के जीवन पर आधारित है. चंद्रकांत एक सीरियल किलर था जो दिल्ली के साप्ताहिक बाजारों में फेरी लगाता था. वह दो बार शादी कर चुका था, पहली पत्नी को एक साल के भीतर छोड़ दिया, दूसरी पत्नी से उनकी पांच बेटियां हैं, और वह ज्यादातर अपने परिवार से दूर रहता था.