अक्सर देखा जाता है कि जब लोग कुछ करने को ठान ले तो सब कुछ संभव हो जाता है. ऐसा ही नजारा कटनी में देखने को मिला है. जहां फिल्म थ्री इडियट की तर्ज पर एक महिला का डिलेवरी करवाया गया है. अब दोनों मां और बच्चा सुरक्षित है.

कटनी. तेज बारिश के बीच ‘थ्री इडियट’ फिल्म में अभिनेत्री को प्रसव कराने का दृश्य तो आप सभी याद होगा. उसी के तर्ज पर छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-थ्री में इसका रियल सीन देखने मिला. इसमें यू-ट्यूब पर प्रसव की प्रक्रिया को देखकर सहयात्रियों ने एक गर्भवती को सुरक्षित प्रसव कराया. नवजात शिशु की रोने की गूंज सुनते ही बोगियों में तालियां बजने लग गई. सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई.

रात में सोने के दौरान उठा दर्द

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ निवासी कुमारी यादव अपने पति के साथ ट्रेन क्रमांक 12824 छत्तीसगढ़-संपर्क क्रांति से घर लौट रही थी. ललितपुर-सागर स्टेशन के बीच रविवार की रात करीब 12 बजे उसे प्रसव पीड़ा हुई. प्रसव पीड़ा की बात पास ही बर्थ में बैठी महिला सह यात्री रफत खान को बताई. रफत ने तत्काल आसपास बैठे यात्रियों को जगाया. इसकी सूचना टीसी स्टॉफ को दी, लेकिन ट्रेन का स्टॉपेज कम होने के कारण चिकित्सकीय मदद मिलने की संभावना कम ही दिख रही थी और महिला को दर्द बढ़ता जा रहा था.

थ्री इडियट के तर्ज पर डिलेवरी

ट्रेन में दिल्ली से कटनी लौट रहे कटनी निवासी अनुज जायसवाल व नीरज बर्मन ने रफत सहित अन्य सह यात्रियों को एक वीडियो दिखाया और कहा कि हम लोग भी थ्री इडियट फिल्म की तर्ज पर महिला का प्रसव करा सकते हैं. अनुज की इस बात से सभी को हौसला मिला. फिर क्या था, चलती ट्रेन में ही बैडशीट का घेरा बनाया गया. प्रसव कराने की प्रक्रिया शुरू की गई और इसमें आशातीत सफलता भी मिली. रात 12 बजकर 48 मिनट पर नवजात के रूप में एक नन्हीं परी दुनियां में आयी. बाद में सागर स्टेशन पर डॉक्टरों की टीम पहुंची और जांच के बाद प्रसूता को जरुरी दवाएं उपलब्ध करायीं.

मां और बच्चा दोनों सुरक्षित

बताया गया है कि जहां महिला को प्रसव पीड़ा हुई वहां से सागर तक के सफर में 4 घंटे का वक्त लगना था. प्रसूता के दर्द को देखते हुए सभी यात्रियों ने मोर्चा संभाला, किसी ने पैंट्रीकार से गर्म पानी की व्यवस्था की, तो किसी ने एसी कोच से तौलिया चादर की व्यवस्था कराई. 2 यात्रियों ने डेटॉल और सेनेटाइजर उपलब्ध कराया. एक व्यक्ति ने सेविंग किट से ब्लेड आदि मुहैया कराई. सभी के प्रयास से नन्ही परी ने जन्म लिया. यात्री झूम उठे. अब जच्चा और बच्ची दोनों सुरक्षित हैं.