रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में ड्रोन के माध्यम से दवाओं और ब्लड सैंपल के परिवहन का अभिनव प्रयोग शुरू कर दिया गया है. 19 फरवरी सोमवार को ड्रोन के जरिए ब्लड सैंपल और ओटी कल्चर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर से जांच के लिए ड्रोन के माध्यम से सफलता पूर्वक अंबिकापुर स्थित राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचाया गया.
गौरतलब है कि भारत सरकार के पायलेट प्रोजेक्ट यूज ऑफ ड्रोन टेक्नॉलॉजी इन हेल्थ सर्विस डिलीवरी से देश की दूरदराज के इलाकों में लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाने का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके लिए स्वास्थ्य केन्द्र चिन्हित किए गए है. इस पायलेट प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर स्थित राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का भी चयन हुआ है.
चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर द्वारा इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत 19 फरवरी ड्रोन के माध्यम से ब्लड सेम्पल और ओटी कल्चर के परिवहन का पहला सफल ट्रायल किया गया. मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर से 40 किलोमीटर दूर स्थित उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से ड्रोन के माध्यम से जांच के लिए ब्लड सैम्पल और ओटी कल्चर के लिए सैंपल ड्रोन से महाविद्यालय मंगाये गये.
छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा एवं बस्तर क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित कई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ऐसे है जहां की लैब में कई प्रकार की जांच की सुविधा नही है. जांच के लिए सेम्पल निकटतम रेफरल सेंटर्स में भेजना पड़ता है. ऐसी स्थिति में ड्रोन सुविधा मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है. ट्रायल परीक्षण में ड्रोन को मेडिकल कालेज अम्बिकापुर से उदयपुर पहुचने मे 30 मिनट का समय लगा, जहां उदयपुर के झिरमिटी स्टेडियम ग्राउंड मे उसका सफल लैडिंग कराया गया. इनके द्वारा 15 मिनट के अंदर ब्लड सैपल जिसका वजन लगभग 600 ग्राम था, ड्रोन मे लोड किया गया व वापस ड्रोन को मेडिकल कालेज अम्बिकापुर भेज दिया गया.
इस प्रोजेक्ट के लिए दो स्व-सहायता समूह की ड्रोन दीदीयों को ड्रोन संचालन की ट्रेनिंग लेने दिल्ली भेजा गया था. जिसमें से सैंपल लोडिंग और अनलोडिंग के कार्य के लिए एक ड्रोन दीदी को उदयपुर और एक ड्रोन दीदी अंबिकापुर के लिए प्रशिक्षित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर राज्य के समस्त जिलों में इसे लागू किया जायेगा. दूरस्थ इलाके से भर्ती मरीज को तत्काल जांच और सैंपल रिपोर्टिंग की जानकारी वायु परिवहन (air transportation) के माध्यम से सुविधा उपलब्ध कराना सरगुजा जिले के लिए एक वरदान साबित हो सकती है.
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