वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। अंबिकापुर में एक स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया, जिस पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से हलफनामे पर जवाब तलब किया है. मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने चीफ सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग संचालक, कलेक्टर सरगुजा के साथ सीएमओ अंबिकापुर, सिविल सर्जन अंबिकापुर और मेडिकल ऑफिसर नवानगर को नोटिस जारी किया है.
दरअसल, अंबिकापुर के जिला मुख्यालय से लगे नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा 9 माह की गर्भवती थी. दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में 8 जून 2024 को प्रसव पीड़ा होने पर उक्त महिला मितानिन के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, लेकिन वहां न तो कोई डॉक्टर और न ही कोई नर्स मौजूद थी. परिजन और मितानिन ने कई बार डॉक्टर व नर्स को फोन लगाया पर किसी ने नहीं उठाया. फिर मितानिन ने फर्श पर महिला का असुरक्षित प्रसव कराया.
इस मामले में संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने कहा है, कि जब राज्य सरकार राज्य के दूरदराज के इलाकों में रहने वाली जनता को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रही है तो ऐसी स्थिति क्यों बन रही है. स्वास्थ्य केंद्रों के मामलों का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी स्वयं अनुपस्थित हैं जब उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है. ऐसे में सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए. सुनवाई के बाद डीबी ने सचिव, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग, रायपुर को निर्देश दिया है कि, वे घटना के संबंध में उठाए गए कदमों के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें और आगे सुनिश्चित करें जो वीडियो इस घटना का ऑनलाइन वायरल किया गया है, उसे आगे प्रसारित करने से भी तत्काल रोका जाए.
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