रोहित कश्यप, मुंगेली। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था और बेरोजगारी को लेकर असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में कला संकाय प्रशिक्षित डीएड-बीएड कल्याण संघ (छत्तीसगढ़) ने आज मुंगेली में रैली निकालकर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में 57000 शिक्षकों की शीघ्र भर्ती और 2008 के स्कूल सेटअप को बहाल रखने की प्रमुख मांग की गई। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द इन मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो राज्यभर में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।

16 महीने बाद भी नहीं निकला भर्ती विज्ञापन

कला संकाय प्रशिक्षित डीएड-बीएड कल्याण संघ ने अपने ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया है कि विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने 57000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आने के 16 महीने बाद भी सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की, जिससे हजारों प्रशिक्षित बेरोजगार युवा मानसिक तनाव में हैं।

युक्तियुक्तकरण के नाम पर 4000 स्कूल बंद, 45000 पद समाप्त

संघ ने आरोप लगाया कि सरकार युक्तियुक्तकरण की आड़ में प्रदेशभर में लगभग 4000 स्कूल बंद करने की योजना बना रही है। साथ ही, 2008 में निर्धारित लगभग 45000 पदों को समाप्त किया जा रहा है, जो न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा बल्कि विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बुरी तरह प्रभावित होगी।

नया सेटअप अव्यवहारिक और शिक्षकों पर बोझ

ज्ञापन में यह सवाल उठाया गया है कि प्राथमिक विद्यालयों में 60 बच्चों पर एक शिक्षक और एक प्रधानपाठक के भरोसे 5 कक्षाओं का संचालन कैसे हो सकता है? इसी तरह, माध्यमिक स्कूलों में 60 छात्रों पर मात्र 3 शिक्षक कैसे 18 कक्षाओं को पढ़ा पाएंगे? संघ ने इस सेटअप को अव्यवहारिक और शिक्षकों पर अनावश्यक बोझ डालने वाला बताया।

संघ ने आंदोलन की दी चेतावनी

कला संकाय प्रशिक्षित डीएड-बीएड कल्याण संघ के संरक्षक जितेंद्र यादव, महामंत्री कुमार यादव, कोषाध्यक्ष द्रमणि वर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इन मांगों को गंभीरता से नहीं लेती, तो प्रदेश भर के लाखों प्रशिक्षित युवा सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।

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