राकेश शर्मा, भोपाल। देश के कई राज्यों में जाति आधारित जनगणना (caste based census) की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी मांग उठने लगी है। कुर्मी समाज (Kurmi Samaj) ने पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ (PCC Chief Kamal Nath) से जाति आधारित जनगणना की मांग की है। यह मांग उन्होंने राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में उठाई है।
कुर्मी समाज के सम्मेलन में कमलनाथ से समाज ने यह मांग की है। समाज ने 50 विधानसभा सीटों पर टिकट की मांग की है। इसके अलावा निगम मंडलों में, प्रदेश, जिला, ब्लॉक में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। प्रदेश में जातिगत जनगणना हो, समाज को आबादी के हिसाब से सत्ता संगठन में आरक्षण दिया जाए। शासकीय नौकरी के लिए ओबीसी कोटे में आरक्षण सीमा बढ़ाने, भोपाल में सामाजिक भवन बनाने के लिए कुर्मी समाज ने कमलनाथ को मांग पत्र सौंपा है।
इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में जातिगत मतगणना होना चाहिए। मप्र में 55 ओबीसी आबादी है
लेकिन आरक्षण 27% भी नहीं मिल पा रहा है। कहा कि पूजा पाठ से नौजवानों का भविष्य नहीं संवरने वाला। भविष्य तब संवरेगा जब निवेश आए। हम आध्यात्मिक शक्ति हैं इसे हमें समझना होगा। संविधान गलत हाथों में चला जाए तो क्या होता है। कमलनाथ ने घोषणा की, कि सरकार में आने पर भवन के लिए जमीन देंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने रामायण की चौपाई सुनाकर कमलनाथ के बयान का समर्थन किया। कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए पूजा-पाठ आस्था का विषय। निवेश के लिए तो इंसान को कर्म करना होगा। काम करने के लिए कमलनाथ ने ये बयान दिया है। बोले कि- धर्म और निवेश दोनों अलग-अलग विषय है।
बीजेपी ने कहा कि आखिर धर्म से उन्हें आपत्ति क्यों है। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा बोले- कभी भगवान राम से आपत्ति, कभी हनुमानजी से आपत्ति है। अब पूजा-पाठ से भी आपत्ति है, लोगों को तो पूजा पाठ की सलाह दी जाती है लेकिन यहां आपत्ति जताई जा रही है
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