रायपुर. गोधन न्याय योजना का लोगों को फायदा मिल रहा है. सरकार की इस योजना से पहले वर्मी कंपोस्ट खाद बनाई, फिर बिजली और अब दीवारों के लिए पेंट बनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर से पेंट बनाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. also read : राज्योत्सव के साथ ही एक नवंबर से होगी धान खरीदी, 110 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य, 60 हजार से ज्यादा नए किसानों ने कराया पंजीयन

सरकारी भवनों से शुरू हुआ इस गोबर पेंट का सफर तीन महीने में ही इतना हिट हो गया है. लोग अब इसे घर में पुतवाने के लिए खरीद रहे हैं. इससे प्रदेश में ये कार्य करने वाली महिला स्व-सहायता समूह की बिक्री बढ़ गई है. बिलासपुर के साथ ही अंबिकापुर में 220 लीटर और कोरबा में 70 लीटर पेंट का उपयोग स्थानीय लोगों ने किया है. राजधानी रायपुर में भी बहुत से लोग इस पेंट से अपने घरों की पुताई कर चुके हैं.

आती होगी गोबर की गंध ?

पूरी खबर पढ़ने से पहले आपके दिमाग में ये बात जरूर आई होगी कि इस पेंट से तो गोबर की बदबू आती होगी. तो बता दें कि ये पेंट पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से बना है. गोबर को पहले मशीन में पानी के साथ अच्छे से मिलाया जाता है, फिर इस मिले हुए घोल से गोबर के फाइबर और तरल को डी-वाटरिंग मशीन के मदद से अलग किया जाता है. इस तरल को 100 डिग्री सेल्सियस में गरम करके उसका अर्क बनता है. जिसे पेंट के बेस की तरह इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद इसे प्रोसेस कर पेंट तैयार होता है. 100 किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी (CMC) तैयार होता है. कुल निर्मित पेंट में 30 फीसदी मात्रा सीएमसी की होती है.

बाजार से कम दामों में उपलब्ध

बाजार में उपलब्ध केमिकल युक्त पेंट लोगों के जेब के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी असर डालते हैं. गुणवत्ता के मामले में गोबर से बने पेंट भी बाजार में मिलने वाले पेंट से कम नहीं है. इसलिए इस पेंट की डिमांड बढ़ गई है. केमिकल युक्त पेंट की कीमत 250 रुपये प्रति लीटर से शुरू होती है. लेकिन गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट की कीमत 120 और 225 रुपए से शुरू है. ये पेंट एक किलो, दो और चार किलो के पैक में उपलब्ध हैं.

गोबर पेंट के लाभ

बाजार में मिलने वाले ज्यादातर पेंट में ऐसे पदार्थ और हैवी मेटल्स मिले होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं. गोबर से बने होने के कारण इससे बहुत से फायदे भी हैं, जैसे ये पेंट एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल हैं. साथ ही घर की दीवारों को गर्मी में गर्म होने से भी बचाती है और तापमान नियंत्रित करती है.

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