राकेश चतुर्वेदी/ शब्बीर अहमद, भोपाल। आज मध्य प्रदेश विधानसभा में मोहन सरकार का पहला बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री के बजट पढ़ने के दौरान विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने खेल मंत्री (तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री) विश्वास सारंग से इस्तीफा मांगा है और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही विश्वास सारंग पर तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू की नियुक्ति को लेकर गलत जानकारी पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि सर्वदलीय कमेटी बनाकर इसकी जांच करवाई जाए। 

दरअस  विश्वास सारंग ने सदन में कहा था कि सुनीता शिजू की नियुक्ति कांग्रेस शासन काल में हुई है। इसके बाद कांग्रेस ने साल 2021 का एक आदेश पेश किया जिसमें सुनीता शिजू को रजिस्ट्रार पद पर पदस्थ करने का आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया था। आदेश के मुताबिक चन्द्रकला दिवगैया से इसकी जिम्मेदारी लेकर उन्हें उनके मूल विभाग लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को वापस कर दी गई थी। साथ ही उनकी जगह सुनीता शिजू की नियुक्ति की नियुक्ति कर दी गई थी। 

गौरतलब है कि नर्सिंग घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कदम उठाते हुए तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को अब बर्खास्त कर दिया है। इसके पहले उन्हें अधिकारियों का खूब संरक्षण मिला था। रजिस्ट्रार पद के लिए जरूरी 15 वर्ष की सेवा और 5 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव नहीं होने के बाद भी उन्हें पदस्थ किया गया था। सुनीता शिजू ने हाई कोर्ट को भी गुमराह किया था। उन्होंने अगस्त 2022 में कोर्ट को बताया था कि मापदंड के अनुसार 49 कॉलेजों की मान्यता जारी की गई है, जबकि ये कॉलेज मापदंड के अनुसार नहीं थे।

कांग्रेस के हंगामे पर बोले भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि 5 घंटे हमने कल नर्सिंग पर कांग्रेस को सुना है। अब क्या कांग्रेस के लिए जान दे दें। नर्सिंग घोटाले पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण पर हुई चर्चा को लेकर सचिन यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि एक घोटालेबाज मंत्री को बचाने के लिए सब झूठ बोल रहे हैं। यह क्लीन चिट देने वाले कौन होते हैं। क्या यह न्यायपालिका से भी ऊपर है ? जब मामले की जांच सीबीआई कर रही है तो इनका ऐसा रवैया जनता का अपमान है। 

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