शिवम मिश्रा,रायपुर। राजधानी रायपुर में शासकीय कर्मचारियों ने वर्चुअल प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया. राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच भेदभाव करना का आरोप लगाया. सरकार द्वारा 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के बंद पेशन को चालू करने की मांग की है. कर्मचारियों ने कहा कि यदि कर्मचारियों को पेंशन नहीं दे सकते है, तो 2004 के बाद जितने भी सांसद, मंत्री और नेता है, जिन्हें पेंशन दी जा रही है, उनका भी पेंशन बंद किया जाना चाहिए.

कर्मचारियों को पेंशन देने की मांग

शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी की सरकार का विरोध कर रहे हैं. वो नरेंद्र मोदी जो हिंदुस्तान में करोड़ों रुपये उज्वला योजना, किसान योजना और जनधन योजना जैसे तमाम योजना लागू कर करोड़ों रुपए खर्च की, लेकिन करोड़ों सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों का 2004 के बाद से पेंशन बंद दिया है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि भारत के सभी कर्मचारियों को 2004 के बाद जिनकी नियुक्ति हुई हैं. उनको पेंशन मिलना चाहिए.

सांसद, मंत्री या नेता का पेंशन हो बंद!

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को पेंशन दिया जाए, यदि उनको पेंशन नहीं मिलता है, तो हिंदुस्तान में 2004 के बाद जितने भी सांसद, मंत्री और नेता है, जिन्हें पेंशन दी जा रही है, उनका भी पेंशन बंद किया जाए. भारत के संविधान में इक्विटी बिफोर लॉ की बात है. कानून के समक्ष समानता का अधिकार है. इसलिए पुरानी पेंशन लागू करने के लिए आज यहां प्रदर्शन किया जा रहा है.

छग सरकार को प्रेम पत्र से फुर्सत नहीं

विजय झा आगे बताते है कि वो कई बार इन्हीं समस्याओं को लेकर राज्य सरकार के मुख्यमंत्री के पास जा चुके है, लेकिन उन्हें तो अपने ही पैसे के लिए केंद्र सरकार को प्रेम पत्र लिखने में फुर्सत नहीं है. अगर हमारी मांगे नहीं सुनी गई, तो निश्चित है कि आने वाले दिनों में ये प्रदर्शन बड़ा रूप लेगा.