सुधीर दंडोतिया, भोपाल. छिंदवाड़ा जिले से लगे पांढुर्णा के नया जिला बनाने के बाद अब छिंदवाड़ा से एक तहसील जुन्नारदेव को जिला बनाने की प्रक्रिया चल रही है। कांग्रेस के विधायक सुनील उइके के एक सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि जुन्नारदेव को जिला बनाने के संबंध में एक ज्ञापन प्राप्त हुआ है। इसका परीक्षण चल रहा है। वहीं दमुआ उप तहसील को भी पूर्ण तहसील का दर्जा देने की प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है।

पांढुर्णा और मैहर को जिला बनाने के बाद प्रदेश में 55 जिले हो गए। छिंदवाड़ा की दो तहसीलों पांढुर्णा और सौंसर को मिलाकर नए जिले पांढुर्णा जिले की घोषणा 25 अगस्त को की गई थी,जबकि 5 अक्टूबर को पांढुर्णा अस्तित्व में आ गया। दो तहसीलें अलग होने के बावजूद मौजूदा छिंदवाड़ा जिले में 12 तहसीलें अमरवाड़ा, उमरेठ, चांद, चौरई, छिंदवाड़ा, छिंदवाड़ा नगर, जुन्नारदेव, तामिया, परासिया, बिछुआ, मोहखेड़ और हर्रई हैं।

रतलाम और उज्जैन के कुछ हिस्सों को जोड़कर बनाए जा रहे नागदा जिले के अस्तित्व में आने को लेकर हरदा के विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने ने सवाल पूछा। नागदा को जिला बनाने के लिए 28 जुलाई 2023 को अधिसूचना जारी की गई थी। दावे आपत्तियों का निराकरण प्रस्ताव राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को भेजे गए थे। अंतिम गजट नोटिफिकेशन कब होगा ?

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विधायक ने उठाया सवाल

राजस्व मंत्री का जवाब: राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि उज्जैन कलेक्टर ने 15 सितंबर और 4 अक्टूबर व रतलाम कलेक्टर ने 2 और 13 सितंबर को प्रस्ताव भेज दिए थे। इन प्रस्ताव का परीक्षण करवाया जा रहा है। 35 साल पुरानी मांग, मंत्री ने कहा कि 2 साल से कोई ज्ञापन नहीं मिला। सागर जिले के बीना को अलग जिला बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने सवाल उठाया कि इस बारे में विधायकों, जनप्रतिनिधियों, संगठनों ने कब-कब मांग की।

बीना को जिला बनाने की मांग

विधायक सप्रे ने बताया कि बीना को जिला बनाने का आंदोलन 35 साल से चल रहा है। एक लाख लोगों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी सौंपा। सप्रे ने कहा कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान बीना को जिला बनाने की घोषणा कई बार कर चुके हैं। मंत्री का जवाब हैरान करने वाला है।

छिंदवाड़ा पर BJP का फोकस

राजस्व मंत्री ने कहा कि इस विषय पर पिछले दो वर्षों में कोई मांग पत्र या ज्ञापन नहीं मिला है। छिंदवाड़ा जिले पर भाजपा का विशेष फोकस छिंदवाड़ा जिले का अपना राजनीतिक महत्व है। यह प्रदेश की एकमात्र संसदीय सीट है, जिस पर कांग्रेस का कब्जा है। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में जिले की सभी सीटों पर भी कांग्रेस के प्रत्याशी जीतकर आए। भाजपा का इस सीट पर विशेष फोकस है।

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