पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिला मुख्यालय के जनपद पंचायत में पदस्थ सीईओ के रैवेये से नाराज जनपद अध्यक्ष, उपाधक्ष समेत 13 सदस्यों ने सीईओ को हटाने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप में शिव सेना ने भी सीईओ का पुतला फूंका. शिकायत पर कलेक्टर ने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई करेंगे.

गरियाबंद जनपद पंचायत सीईओ पद्मनी हरदेल के खिलाफ आज जनपद अध्यक्ष डालिमा ठाकुर, उपाधयक्ष प्रवीन यादव समेत 13 सदस्य कलेक्टोरेट पहुंचे और उसे हटाने का ज्ञापन सौंपा है. कलेक्टर दीपक अग्रवाल के समक्ष सौंपे गए ज्ञापन में जनपद प्रतिनिधियों ने महिला अफसर पर कई संगीन आरोप लगाए हैं.

ज्ञापन में बताया गया है कि हरदेल जिला पंचायत में सहायक संचालक के पद में हैं, उन्हें 4 माह पहले जनपद का अतरिक्त प्रभार दिया गया है. पावर वाले पद के कारण कोई इन्हें रोकने टोकने वाले नहीं है. ऐसे में वे ज्यादातर समय जनपद से गायब रहती हैं. अब तक केवल एक बार समान्य सभा की बैठक हुई. इसमे भी पारित बिंदुओं पर कोई अमल नहीं किया गया. कॉल करने पर वो रिसीव नहीं करते. कक्ष में बैठने के दरम्यान चुने गए आदिवासी पंचायत प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यहार करते हैं.

ज्ञापन में आगे कहा गया है कि जिला पंचायत के अफसरों का सपोर्ट रहता है, जिसके चलते हमेशा तानाशाह रवैया अपनाते हैं. ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि बगैर अनुमोदन के सीईओ ने विवेकानंद प्रोत्साहन की राशि छत्तीसगढ़िया खेल में खर्च किया है. जनपद बॉडी के इस ज्ञापन को कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.

भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा के आरोप में शिवसेना ने फूंका पुतला

इधर जब जनपद सदस्य कलेक्टोरेट में ज्ञापन दे रहे थे तो दूसरी ओर नगर के मुख्य चौराहे में शिवसेना ने सीईओ का पुतला फूंक दिया. शिवसेना का आरोप है कि भ्रष्टाचार करने वाले कई पंचायतों की शिकायत जनपद में की गई है. किसी पर भी न जांच बैठी न कार्यवाही हुई है. इससे आक्रोशित शिव सैनिकों ने सीईओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर उनका पुतला जलाया.

जनपद सीईओ ने सभी आरोप को बताया झूठा

इस मामले में जनपद सीईओ पद्मिनी हरदेल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि दो जगह की जिम्मेदारी के कारण दोनों जगह काम संभाल रही हूं. रही बात बैठक की तो आचार संहिता की बची अवधी में दो बार होना था, दो बार बैठक की गई. दुर्व्यवाहर के आरोप पर कहा कि मैं एक महिला हूं, जनप्रतिनिधि भी ज्यादातर महिला हैं, दुर्व्यवहार का सवाल ही नहीं उठता.

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